ठीक ही कहा गया है कि चेहरा देख कर आदमी के चरित्र का फैसला नहीं किया जा सकता. ‘झूठ, कपट, व्यवहार से जो कीजे व्यापार, जैसे हांड़ी काठ की चढ़ै न दूजी बार.’ भारत की गरीब जनता, किसान, शिक्षित बेरोजगार सहित बिजली, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि समस्याओं से जूझती जनता ने मोदी सरकार को प्रधानमंत्री बनने का सुअवसर प्रदान किया. चुनाव के समय उन्होंने देश की जनता से विदेशों में रखे काले धन को वापस लाने का वायदा किया था.
यह भी कहा गया था कि विदेशों से वापस आनेवाला काला धन यहां की जनता के खातों में डाला जायेगा. एक साल से भी अधिक समय बीतने के बाद आज तक विदेशों में रखा काला धन वापस नहीं आया और न ही लोगों के खातों में पैसे जमा किये गये. उल्टे देश में गरीबी का औसत दिनानुदिन बढ़ता ही जा रहा है.
परमेश्वर झा, दुमका