सीरिया पिछले एक दशक से गृह युद्ध झेल रहा है. वहां हिंसा में इजाफा होने वाला है? अमेरिका का यह एलान कि वह अपने दो हजार सैनिकों को सीरिया से बाहर निकालेगा, दुखद निर्णय है. अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी नहीं हो पायी तो, अपने मतदाताओं को रिझाने के लिए उन्होंने ने यह एलान किया है. जबकि उनके दल के ही सांसद ऐसा करने से मना कर रहे हैं, क्योंकि ऐसा होने पर कुर्द लड़ाकों के लिए मुश्किलात खड़ी हो जायेगी. इस्लामिक स्टेट से यही संगठन अमेरिका के साथ मिलकर लड़ता रहा है.
अमेरिका के हटते ही तुर्की की सेना इन पर हमला कर देगी. उधर इरान और रूस जो सीरिया के राष्ट्रपति को समर्थन करता है, वह भी कुर्दिश लड़ाकुओं पर हमला कर देगा. और फिर सीरियाई तानाशाह को और लंबे समय तक शासन का मौका मिल जायेगा. ट्रंप का यह निर्णय इस क्षेत्र को और ज्यादा अस्थिर कर देगा.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर