प्रियंका गांधी के राजनीति में खुल कर आने से निश्चित ही पार्टी में नयी जान आ गयी लगती है, क्योंकि पार्टी अब उन्नीस से इक्कीस ही नहीं, उससे भी कहीं आगे जा सकती है. अयोध्या में दिया गया उनका चुनावी भाषण बहुत प्रभावशाली था.
सभी पार्टियों में कुछ युवाओं नेताओं की होड़-सी लगी है, जो अच्छी बात है. प्रियंका गांधी युवा नेत्री हैं. उनका व्यक्तित्व स्वर्गीय इंदिरा गांधी से काफी मेल खाता है. समय बदल गया है, लेकिन जनता उन्हें आज उसी छवि में देखती है.
शालीनता और सही भाषा से ही मुद्दों को उठाने के कारण वह और अधिक प्रभावशाली और आकर्षक होती जा रही हैं. ऐसा लगता है कि भविष्य में वह अपने भाई से भी आगे निकल सकती हैं. अन्य नेताओं को प्रियंका से बहुत कुछ सीखा चाहिए. आशा है, प्रियंका अपनी कार्य शैली से प्रभावित करती रहेंगी.