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मिट्टी के दीये जलाएं, हर घर में खुशियां लाएं
दीपावली में मिट्टी के ही दीये जलाएं, क्योंकि दीया ही एक ऐसी वस्तु है, जो हमारी अतीत, वर्तमान व भविष्य को दरसाती है और असफलता, दुख, निराशा, दरिद्रता व मुश्किलों को कोसों दूर रखती है. खुशी व उल्लास का पर्व दीपावली न सिर्फ पांच पर्वों का संगम है, बल्कि पौराणिक, सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक व आध्यात्मिक […]
दीपावली में मिट्टी के ही दीये जलाएं, क्योंकि दीया ही एक ऐसी वस्तु है, जो हमारी अतीत, वर्तमान व भविष्य को दरसाती है और असफलता, दुख, निराशा, दरिद्रता व मुश्किलों को कोसों दूर रखती है.
खुशी व उल्लास का पर्व दीपावली न सिर्फ पांच पर्वों का संगम है, बल्कि पौराणिक, सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक व आध्यात्मिक महत्व भी निहित है. इस पर्व से सामाजिक व आर्थिक महत्व भी जुड़ा हुआ है. घरों की साफ-सफाई व दीपोत्सव के कई वैज्ञानिक कारण हैं. दीपक अज्ञानता रूपी अंधकार पर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है.
मिट्टी के दीये बनाने वाले कुम्हार समाज की आर्थिक व्यवस्था भी गहराई से जुड़ी हुई है. दीये के निर्माण में कुम्हार का परिश्रम घुला होता है, जिसकी बिक्री से ही उनकी आर्थिक उन्नति संभव है. वैज्ञानिक दृष्टि से दीप जलाने से रेडिएशन समाप्त होता है तथा दीपक से कई प्रकार की बीमारियों के संक्रमण व जीवाश्म का खात्मा होता है.
वीर अभिमन्यु सिंह, गौढ़ापर, बढौना, चंडी (नालंदा)
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