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चमकी बुखार : मुजफ्फरपुर में अब तक 124 और वैशाली में 17 बच्चों की गयी जान

इलाज के दौरान मुजफ्फरपुर में नौ, वैशाली व बेगूसराय में दो-दो बच्चों ने तोड़ा दम मुजफ्फरपुर : चमकी बुखार से पीड़ित एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में भर्ती 45 बच्चों में नौ ने सोमवार को दम तोड़ दिया. इससे अबतक 124 बच्चों की जान चली गयी है. एसकेएमसीएच में आठ व केजरीवाल में एक बच्चे की […]

इलाज के दौरान मुजफ्फरपुर में नौ, वैशाली व बेगूसराय में दो-दो बच्चों ने तोड़ा दम
मुजफ्फरपुर : चमकी बुखार से पीड़ित एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में भर्ती 45 बच्चों में नौ ने सोमवार को दम तोड़ दिया. इससे अबतक 124 बच्चों की जान चली गयी है. एसकेएमसीएच में आठ व केजरीवाल में एक बच्चे की मौत हुई है.
वहीं, 37 बच्चों को एसकेएमसीएच में और केजरीवाल में आठ बच्चों को भर्ती किया गया. एसकेएमसीएच में समस्तीपुर के रहजतपुर की चार वर्षीय खुशी कुमारी, हथौड़ी कोठिया की चार वर्षीया डौली कुमारी, मोतीपुर के तीन वर्षीय दिलीप कुमार. मोतिहारी पकड़ीदयाल की तीन वर्षीया अंशु कुमारी, बेगूसराय कोडरमपुर की पांच वर्षीया संध्या कुमारी, समस्तीपुर खानपुर के चार वर्षीय प्रत्युष कुमार, सिवाईपट्टी कोडरया की चार वर्षीया मुन्नी कुमारी, मोतीपुर के युवराज की मौत हो गयी. वहीं केजरीवाल अस्पताल में सीतामढ़ी मौना रुन्नीसैदपुर के तीन वर्षीय रिजवान की मृत्यु हो गयी.
इधर, वैशाली में सोमवार की सुबह चमकी बुखार से पटेढ़ी बेलसर के पटेढ़ी भाईखां निवासी रंजीत मांझी के पुत्र चार वर्षीय अमन कुमार व वैशाली के अमृतपुर निवासी विजय पासवान की तीन वर्षीया पुत्री शिवानी कुमारी को सदर अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. लेकिन, रास्ते में उसकी मौत हो गयी. चमकी बुखार से अब तक वैशाली में 17 बच्चों की मौत हो चुकी है.
बेगूसराय प्रतिनिधि के अनुसार, नावकोठी प्रखंड के छतौना व हसनपुर बागर में चमकी बुखार से दो बच्चों की मौत हो गयी. डफरपुर पंचायत के छतौना निवासी मो सहादत की 10 वर्षीया बेटी रजीना खातून की मौत चमकी बुखार से हो गयी. सोमवार को हसनपुर बागर के वार्ड संख्या आठ में दुलारू पंडित का दो वर्षीय पुत्र अंकुश कुमार की मौत इलाज के दौरान बेगूसराय ले जाने के दौरान हो गयी.
एक और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मुजफ्फरपुर रवाना : हर्षवर्धन
नयी दिल्ली. चमकी बुखार की रोकथाम के लिए केंद्र से लेकर राज्य स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. इसका पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, एम्स के डॉक्टरों की टीम को मुजफ्फरपुर भेजा है.
टीम रोग के कारण, रोकथाम को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि चमकी बुखार के कारणों का पता लगाने के लिए रिसर्च किये जाने की जरूरत है. केंद्र सरकार मुजफ्फरपुर में एक शोध केंद्र बनाने पर विचार कर रही है. हर्षवर्धन ने कहा कि मुजफ्फरपुर में 100 बेड का पेडियाट्रिक आइसीयू बनाने काे कहा गया है. केंद्र सरकार इसके लिए बिहार सरकार काे मदद करेगा.
खतरे से बाहर हैं मरीज
पटना : पीएमसीएच के शिशु वार्ड में चमकी मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. पीएमसीएच के शिशु वार्ड में वैशाली जिले के चार बच्चे भर्ती हैं.
वहीं, सोमवार को मेडिसिन के इमरजेंसी में लू के एक मरीज को भर्ती किया गया है. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि चमकी व लू के भर्ती मरीजों का इलाज किया जा रहा है और 24 घंटे डॉक्टर तैनात है. लू व चमकी बुखार के पांचों मरीज खतरे से बाहर हैं.
होमियोपैथ और आयुर्वेद में है इलाज
राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि आयुर्वेद व होमियापैथ में भी चमकी बुखार का इलाज है. धृतकुमारी, गुरुची, प्याज के रस और सुदर्शन चूर्ण आदि जड़ी-बूटी है.
वहीं आयुर्वेदिक चिकित्सक के सलाह पर भी दवाएं ली जा सकती हैं. वहीं, डॉ रामजी सिंह ने बताया कि चमकी खुबार जैसी बीमारी पर बचाव व उपचार दोनों तरह से काम करने की जरूरत होती है. होमियोपैथ के नवीनतम शोध के अनुसार बेलाडोना (30) को पहले सप्ताह तीन टाइम, दूसरे सप्ताह में दो टाइम व तीसरे सप्ताह में एक टाइम दवा दी जाती है, तो 90 प्रतिशत चमकी बुखार से बचाया जा सकता है.
कोसी-पूर्व बिहार में भी चमकी बुखार के लक्षण : भागलपुर. कोसी-पूर्व बिहार के जिलों में भी चमकी बुखार के लक्षण कुछ बच्चों में मिलने लगे हैं. सोमवार को अररिया, खगड़िया, पूर्णिया आदि कुछ जिलों में सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में एक दर्जन से अधिक बच्चे भर्ती हुए.
जिनमें तेज बुखार, सूगर लेवल कम, ऐठन आदि लक्षण देखे गये, चमकी बुखार से मिलते-जुलते हैं. वैसे विभाग का कहना है कि इस क्षेत्र में मुजफ्फरपुर की तरह क्रिटिकल पोजिशन नहीं है, लेकिन बच्चे बीमार हो रहे हैं.
हर पीएचसी में दो बेडों का पीआइसीयू बना : श्याम रजक
मुजफ्फरपुर. उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि बच्चों की मौत दुखद है. सरकार बच्चों के प्रति सरकार संवेदनशील है. अभी तक जिन बच्चों की मौतें हुई हैं, उनमें देखा गया है कि बच्चों को प्रथम स्टेज में प्रारंभिक इलाज नहीं होने के कारण हुई हैं. इसलिए जिले के सभी पीएचसी में दो बेडों का पीआइसीयू बना दिया गया है. इसके साथ ही आशा, आंगनबाड़ी सेविका व एएनएम को ट्रेनिंग दी गयी है. यह आशा, आंगनबाड़ी व एएनएम अपने अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को जागरूक करेंगी. उन्होंने कहा कि 17 दिनों में 414 बच्चे भर्ती हुए. इममें 147 बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट गये हैं.
उम्मीद है कि अगले साल नहीं होगी मौत : उपेंद्र कुशवाहा
मुजफ्फरपुर. यह दुख का विषय है. 2014 में जो वादे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन जी करके गये थे, वे पांच साल बाद भी करके लौट गये हैं.
उस वक्त भी उन्होंने कहा था कि रिसर्च सेंटर बनेगा, आगे न ही इसके लिए रिसर्च टीम बीमारी का कारण खोजेगी. जो अस्पताल में कमी है, उसे पूरा किया जायेगा. इसके अलावा बच्चों के लिये सौ बेड का पीआइसीयू बनेगा. सरकार से उम्मीद है अगले साल यह िदन देखनों को नहीं िमलेगा. उक्त बातें एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को देखने पहुंचे रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहीं.

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