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RBI गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे के पीछे की पूरी बात यहां जानें…

नयी दिल्ली : आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे निजी वजह बतायी है. उर्जित पटेल ने अपने बयान में कहा, मैं व्यक्तिगत कारणों से तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. बीते वर्षों में आरबीआई में काम करना मेरे लिए गर्व […]

नयी दिल्ली : आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे निजी वजह बतायी है. उर्जित पटेल ने अपने बयान में कहा, मैं व्यक्तिगत कारणों से तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. बीते वर्षों में आरबीआई में काम करना मेरे लिए गर्व की बात रही. इस दौरान आरबीआई के अधिकारियों, प्रबंधन और स्टाफ का भरपूर सहयोग मिला. मैं आरबीआई बोर्ड के सभी निदेशकों और सहकर्मियों का शुक्रिया अदा करता हूं.

RBI डिप्टी गवर्नर के इस्तीफे की अफवाह
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद मीडिया में ऐसी खबरें भी आयीं कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि केंद्रीय बैंक के प्रवक्ता ने इस बात से इनकार किया है. प्रवक्ता ने एक निजी टीवी चैनल से कहा कि आचार्य ने न तो इस्तीफा दिया है आैर न ही उन्होंने एेसी इच्छा जतायी है. उल्लेखनीय है कि आचार्य ने ही केंद्रीय बैंक में सरकारी हस्तक्षेप की बात कही थी. इसके बाद केंद्रीय बैंक आैर सरकार में तनाव बढ़ने की खबर आने लगी थी.

रिजर्व बैंक कानून की धारा सात
यहां यह जानना गौरतलब है कि उर्जित पटेल और केंद्र सरकार के बीच पिछले दिनों केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के मसले पर टकराव की स्थिति पैदा हो गयी थी. ऐसी खबरेंआरहीथीं कि वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक कानून की धारा सात को लागू करने का मन बना रहा है. बताते चलें कि यह धारा सरकार को जनहित के मुद्दों पर रिजर्व बैंक गवर्नर को निर्देश देने का अधिकार देती है.

महीनेभर पहले उर्जित पटेल-पीएम मोदी की मुलाकात
यह भी कहा गया कि सरकार रिजर्व बैंक से 3.60 लाख करोड़ रुपये की मांग कर रही है, जिसका आरबीआई ने विरोध किया है. इन मुद्दों पर सरकार और उर्जित पटेल के बीच लगातार खटास की खबरें आती रहीं. इस खींचतान के बीच गवर्नर उर्जित पटेल ने बीते 9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इसके कुछ दिनों बाद ही आरबीआई की बोर्ड बैठक हुई और कहा गया कि उर्जित पटेल और सरकार के बीच जारी तनातनी खत्म हो गयी है.

LSE और Yale के स्कॉलर
उर्जित पटेल लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक और येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी डिग्रीधारक हैं. रघुराम राजन के बाद आरबीआर्इ कीकमान संभालनेवाले पटेल को महंगाई के खिलाफ मोर्चा संभाला था. वहउस समिति के अध्यक्ष भी रहे, जिसने थोक मूल्यों की जगह खुदरा मूल्यों को महंगाई का नया मानक बनाये जाने सहित कई अहम बदलाव लाये.

PM मोदी और जेटली की प्रतिक्रिया
उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा- डॉ उर्जित पटेल मैक्रो-इकोनॉमिक मुद्दों की गहरी समझ रखने के साथ ही एक उच्च क्षमता वाले अर्थशास्त्री हैं. उन्‍होंने बैंकिंग प्रणाली को अराजकता से बाहर निकाला. वह अपने पीछे बड़ी विरासत छोड़ रहे हैं. हम उन्हें बहुत मिस करेंगे. वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार उर्जित पटेल की सेवाओं की पूरी गंभीरता के साथ सराहना करती है.

कांग्रेस-तृणमूल कांग्रेस ने सरकार को घेरा
उर्जित पटेल के इस्तीफे पर कांग्रेस ने कहा, मोदी राज में एक और संस्थान की शुचिता नष्ट हुई. आरबीआई गवर्नर को जिस तरीके से हटने के लिए बाध्य किया गया, वह भारत की मौद्रिक और बैंकिंग प्रणाली पर एक धब्बा है. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा- देश में राजनीतिक आपात की स्थिति तो थी ही, अब आर्थिक आपात भी उत्पन्न हो गया है.सीबीआई से लेकर आरबीआई तक सभी संस्थाएं संकट में है. ऐसे हालात पहले कभी नहीं रहे.

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