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#ModiSarkar2 : राजनाथ सिंह (कैबिनेट मंत्री) : छात्र राजनेता से गृह मंत्री तक का सफर

नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. भारतीय राजनीति के बड़े नामों में शुमार राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री थे. इन्हें कट्टर हिंदू माना जाता है. भारतीय संस्कृति को हिंदुत्व के नजरिये से देखते हैं. भाजपा को लोकतांत्रिक शक्ति […]

नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. भारतीय राजनीति के बड़े नामों में शुमार राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री थे. इन्हें कट्टर हिंदू माना जाता है. भारतीय संस्कृति को हिंदुत्व के नजरिये से देखते हैं. भाजपा को लोकतांत्रिक शक्ति बनाने के लिए राजनाथ ने कई प्रयास किये.

10 जुलाई 1955 को उत्तर प्रदेश में एक किसान परिवार में राजनाथ सिंह का जन्म हुआ. उनके पिता का नाम रामबदन सिंह और मां का नाम गुजराती देवी था. गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में मास्टर डिग्री लेने वाले राजनाथ सिंह ने अपने करियर की शुरुआत भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में की. 13 साल की उम्र में राजनाथ सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये. वर्ष 1969 से 1971 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के संगठनात्मक सचिव रहे.

बाद में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 1975 की इमरजेंसी में गिरफ्तार कर लिये गये. 2 साल तक हिरासत में रहे. बाद में वे उत्तर प्रदेश राज्य के विधायक के निचले सदन के लिए चुने गये. 1980 में भाजपा की स्थापना के 3 साल बाद उन्हें उत्तर प्रदेश का पार्टी सचिव बनाया गया. 1984 में राजनाथ सिंह भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. 1991 में इन्हें यूपी का शिक्षा मंत्री बनाया गया. उसके बाद भाजपा को विधानसभा में बहुमत मिला. 1992 में स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं में चीटिंग के बाद उन्होंने कुछ सख्त नियम बनाये, लेकिन चीटिंग करने वाले बच्चों की गिरफ्तारी के बाद जमकर विरोध प्रदर्शन हुए. इसके बाद कानून को रद्द करना पड़ा.

राजनाथ सिंह ने भाजपा के दूसरे नेताओं से नेतृत्व के गुण सीखे. 1994 के बाद वह राज्यसभा पहुंचे. 1997 में वह उत्तर प्रदेश राज्य के भाजपा अध्यक्ष बने. 1999 में भूतल परिवहन मंत्री बनाये गये. हाई-वे को छोटे गांवों तक पहुंचाने का उन्होंने लक्ष्य बनाया था. सन् 2000 में राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. डेढ़ साल से भी छोटे कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका कार्यकाल डेढ़ साल से भी कम रहा. 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार बनाने में नाकाम रही और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. वे राष्ट्रीय राजनीति में आ गये और उन्हें कृषि मंत्री बनाया गया. लेकिन, 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा सरकार हार गयी.

वर्ष 2009 के चुनाव में जब भाजपा को बहुमत नहीं मिली, तब उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया. वर्ष 2013 में फिर भाजपा के पार्टी अध्यक्ष बने. अध्यक्ष बनने के बाद सिंह ने धार्मिक मुद्दों पर ध्यान दिया. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए स्वतंत्र रूप से हिंदुओं के पक्ष में बोले. उन्होंने कहा की भारत में अंग्रेजी का उपयोग देश की संस्कृति को खत्म कर रहा है. तब एक विवाद-सा छिड़ गया था. वर्ष 2014 में जब भाजपा लोकसभा चुनाव जीती, तब उन्हें गृह मंत्री बनाया गया.

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