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प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगी वैक्सीन लेकिन इन बातों का रखा जायेगा ध्यान

महीने भर में जो भी वैक्सीन तैयार होगी उसका 25 फीसदी हिस्सा प्राइवेट अस्पतालों को दिया जाना है. यह राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में दिया जायेगा इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि जहां जितनी जरूरत वो उतनी वैक्सीन पहुंचे. नयी गाइडलाइन के अनुसार राज्य भी इस पर सहमत है कि निजी अस्पताल में वैक्सीन उपलब्ध हो और बड़े और छोटे निजी अस्पतालो में भी वैक्सीन की उपलब्धता बराबर हो.

कोरोना वैक्सीन अब प्राइवेट अस्पतालों को राज्य की जरूरत और आबादी के आधार पर दिया जायेगा. इसी आधार पर किसी प्राइवेट अस्पताल या बड़े अस्पताल के चेन जो कई राज्यो में हैं उन्हें कोरोना वैक्सीन सौंपी जायेगी.

महीने भर में जो भी वैक्सीन तैयार होगी उसका 25 फीसदी हिस्सा प्राइवेट अस्पतालों को दिया जाना है. यह राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में दिया जायेगा इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि जहां जितनी जरूरत वो उतनी वैक्सीन पहुंचे. नयी गाइडलाइन के अनुसार राज्य भी इस पर सहमत है कि निजी अस्पताल में वैक्सीन उपलब्ध हो और बड़े और छोटे निजी अस्पतालो में भी वैक्सीन की उपलब्धता बराबर हो.

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केंद्र ने भी कहा है कि वैक्सीन की सप्लाई के बाद पेमेंट नेशन हेल्थ अथॉरिटी के द्वारा दिया जा रहा है. इस रणनीति पर अभी काम चल रहा है नयी गाइडलाइन में इस पर विस्तार से चर्चा हो सकती है. केंद्र ने यह भी कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि केंद्र वैक्सीन की खरीद करके प्राइवेट अस्पतालों को दे रहा है. एनएचए के माध्यम से पेमेंट एक ऑप्शन है, जरूरी नहीं है. अस्पताल सीधे वैक्सीन बनाने वालों से भी वैक्सीन लेकर उन्हें पैसे दे सकते हैं.

यह नयी व्यवस्था 21 जून से प्रभावी होगी. वैसे बड़े अस्पताल जिनके कई राज्यों में ब्रांच है उन्हें वैक्सीन के लिए सरकार से हर स्तर पर बात करनी होगी. प्राइवेट अस्पताल अगर सीधे वैक्सीन ले रहे हैं तो भी वह एनएचए के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं अगर राज्य सरकार इसमें कोई और तरीका निकालती है तो भी बेहतर है. सरकार की इस रणनीति के पीछे सबसे बड़ा कारण है वैक्सीन को बराबर डिस्ट्रिब्यूट करना. बड़े – बड़े शहरों तक तो वैक्सीन पहुंच जायेगी लेकिन छोटे शहर, गांव और दूर दराज के इलाकों तक यह वैक्सीन कैसे पहुंचेगी उस पर फोकस करना क्योंकि ये सीधे तो वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन नहीं खरीद सकेंगे.

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प्राइवेट अस्पतालों में बाराबर वैक्सीन का बंटवारा आसान भी नहीं है. इसमें कई निजी अस्पताल है जो वैक्सीनेशन में हिस्सा नहीं लेंगे, कुछ निजी अस्पतालों में यह क्षमता नहीं है. निजी क्षेत्र में अस्पतालों की संख्या भी संयमित है जो मेट्रो सिटी और बड़े शहरों में है. कुल 42704 जगहों में सिर्फ 1945 प्राइवेट सेक्टर हैं. सरकार वैक्सीन की कीमत को लेकर भी अपनी रणनीति स्पष्ट कर रही है. 150 रुपये सर्विस चार्ज लेगी. कोविशील्ड के एक शार्ट की कीमत 780 रुपये होगी और कोवैक्सीन 1410 और 1145 स्पूतनिक वी होगी.

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