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मायावती ने काटा मुख्तार अंसारी का टिकट, तो ओवैसी ने दिया खुला ऑफर- जिस सीट से चाहें, वहां से लड़े चुनाव

UP Elections बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती द्वारा मुख्तार अंसारी को टिकट देने से इनकार के बाद आईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बाहुबली विधायक को खुला ऑफर दिया है. असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि मुख्तार अंसारी जिस भी सीट से चुनाव लड़ना चाहें, वहां से उनकी पार्टी का टिकट ले सकते हैं.

UP Elections 2022 बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती द्वारा मुख्तार अंसारी को टिकट देने से इनकार के बाद आईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बाहुबली विधायक को खुला ऑफर दिया है. असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि मुख्तार अंसारी जिस भी सीट से चुनाव लड़ना चाहें, वहां से उनकी पार्टी का टिकट ले सकते हैं. इससे पहले यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने ट्वीट कर बताया कि चुनाव में बसपा का प्रयास होगा कि किसी बाहुबली या माफिया को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए. ऐसे में मऊ सीट से अब अंसारी नहीं, बल्कि भीम राजभर चुनाव लड़ेंगे. मायावती ने कहा कि उन्होंने साफ-सुथरी छवि के उम्मीदवारों को टिकट में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. इसी कड़ी में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी चुनााव के मद्देनजर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. ओवैसी इस महीने की 22, 25, 26 और 30 तारीख को यूपी दौरे पर रहेंगे. 22 सितंबर को वे संभल, 25 को प्रयागराज, 26 को कानपुर और 30 अक्टूबर बहराइच का दौरा करेंगे.

मायावती के किनारे के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अंसारी सपा में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह ने भी सपा का दामन थामा था. सिबगतुल्लाह अंसारी 2007 में सपा और 2012 में कौमी एकता दल से गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा से विधायक रहे हैं. इसके बाद 2017 में बसपा से मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि सिबगतुल्लाह अब समाजवादी पार्टी में आ गए हैं.

30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद गांव में जन्मे मुख्तार अंसारी के परिवार का इतिहास काफी अच्छा रहा है. मुख्तार अंसारी के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष थे. वहीं, उनके नाना महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार थे. मुख्तार अंसारी के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी कम्युनिस्ट नेता थे. मऊ सीट से 5 बार विधायक मुख्तार अंसारी पहली बार 1996 में बसपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. 2002, 2007, 2012 और फिर 2017 में भी मऊ से जीत हासिल की. इनमें से आखिरी तीन चुनाव उन्होंने देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहते हुए लड़ा था.

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