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इन लोगों को नहीं है ब्लैक फंगल संक्रमण से ज्यादा खतरा, मधुमेह रोगियों के लिए है खतरनाक : एम्स के डॉक्टर

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus Pandemic) की तीसरी लहर के बीच ब्लैक फंगल इंफेक्शन (Black Fungal Infection) ने सबसे होश उड़ा दिये हैं. इस संक्रमण से देश भर में अब तक कई मौते हो चुकी हैं. हजारों लोग इसके संक्रमण से बीमार हैं. विभिन्न राज्यों में म्यूकोरमाइकोसिस (Mocormycosis) या ब्लैक फंगल संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, एम्स के प्रोफेसर और एंडोक्रिनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म विभाग के प्रमुख डॉ निखिल टंडन ने कहा है कि म्यूकर फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है. स्वस्थ व्यक्ति पर इसका फंगस का प्रभाव नहीं के बराबर होता है.

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus Pandemic) की तीसरी लहर के बीच ब्लैक फंगल इंफेक्शन (Black Fungal Infection) ने सबसे होश उड़ा दिये हैं. इस संक्रमण से देश भर में अब तक कई मौते हो चुकी हैं. हजारों लोग इसके संक्रमण से बीमार हैं. विभिन्न राज्यों में म्यूकोरमाइकोसिस (Mocormycosis) या ब्लैक फंगल संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, एम्स के प्रोफेसर और एंडोक्रिनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म विभाग के प्रमुख डॉ निखिल टंडन ने कहा है कि म्यूकर फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है. स्वस्थ व्यक्ति पर इसका फंगस का प्रभाव नहीं के बराबर होता है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए डॉ टंडन ने कहा कि म्यूकर (Black Fungus) हवा के माध्यम से फैल सकता है. अगर कोई व्यक्ति स्वस्थ है तो इससे कोई समस्या नहीं होगी. म्यूकर फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है लेकिन संभावना बहुत कम है. उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ आदमी को यह फंगल ज्यादा संक्रमित नहीं कर सकता है. खास कर मधुमेह के रोगियों को इससे ज्यादा खतरा है.

एम्स के डॉक्टर ने जोर देकर कहा कि शरीर में मौजूद रोग प्रतिरक्षा इस ब्लैक फंगल इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि अगर प्रतिरक्षा मजबूत है तो हमारा शरीर इससे लड़ने में सक्षम है. जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है उन लोगों को यह संक्रमण काफी प्रभावित कर सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले पहले भी देखे गये हैं यह कोविड से उत्पन्न समस्या नहीं है.

Also Read: देश में बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मामले, देश के 60 फीसदी मामले इन राज्यों से

शुक्रवार को, एम्स के निदेशक डॉ गुलेरिया ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में फंगल संक्रमण में वृद्धि देखी गयी है. कई राज्यों में कोरोना संक्रमण से उबरने वाले मरीजों में ब्लैक फंगल का संक्रमण देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में सार्स के प्रकोप के दौरान कुछ हद तक म्यूकोर्मिकोसिस के भी मामले सामने आये थे. डॉ गुलेरिया ने कहा कि कोविड के साथ अनियंत्रित मधुमेह म्यूकोरमाइकोसिस के विकास को बढ़ाता है.

देश में ब्लैक फंगल संक्रमण के 8,848 मामले

केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने जानकारी दी कि देश में ब्लैक फंगल संक्रमण के 8,848 मामले सामने आये हैं. उन्होंने बताया कि राज्यों की ओर से दी गयी जानकारी के आधार में देश में इतने मामले दर्ज किये गये हैं. इस सूची में सबसे ऊपर गुजरात का नाम है. यहां 2281 मामले दर्ज किये गये हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 2000 और आंध्र प्रदेश 910 मामले हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

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