17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसानों से केंद्र 3 दिसंबर को करेगी बातचीत

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार (Central Govenrment) ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसानों (Farmers of Punjab) को तीन दिसंबर को दूसरे दौर की बातचीत के लिए बुलाया है. पंजाब की किसान यूनियनों (Farmers union) द्वारा नये कृषि कानूनों (Agricultural Laws) का विरोध किया जा रहा है. केंद्र ने अब यूनियनों को मंत्रिस्तरीय बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. इससे पहले पंजाब के किसान नेताओं ने सोमवार को अपने ‘रेल रोको' आंदोलन को वापस लेने की घोषणा करते हुए एक और मंत्रिस्तरीय बैठक की शर्त रखी थी.

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार (Central Govenrment) ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसानों (Farmers of Punjab) को तीन दिसंबर को दूसरे दौर की बातचीत के लिए बुलाया है. पंजाब की किसान यूनियनों (Farmers union) द्वारा नये कृषि कानूनों (Agricultural Laws) का विरोध किया जा रहा है. केंद्र ने अब यूनियनों को मंत्रिस्तरीय बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. इससे पहले पंजाब के किसान नेताओं ने सोमवार को अपने ‘रेल रोको’ आंदोलन को वापस लेने की घोषणा करते हुए एक और मंत्रिस्तरीय बैठक की शर्त रखी थी.

इसके बाद किसानों ने अपने करीब दो माह के रेल रोको आंदोलन को वापस लेते हुए सिर्फ मालगाड़ियों के लिए रास्ता खोल दिया है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हमने करीब 30 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को तीन दिसंबर को सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में दूसरे दौर की बातचीत के लिए बुलाया है.’

सचिव ने बताया कि किसान संगठनों को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से बातचीत में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. इस बैठक में केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के भी शामिल होने की उम्मीद है. पंजाब सरकार के खाद्य एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को भी बातचीत में शामिल होने को कहा गया है.

Also Read: कृषि और रक्षा मंत्री के साथ बैठक के बाद किसान कानून पर क्या बोले एग्रीकल्चर एक्सपर्ट

इस बारे में पहले दौर की वार्ता 13 नवंबर को हुई थी. यह बैठक बेनतीजा रही थी क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने रुख से हटने को तैयार नहीं थे. पंजाब के किसान नये कृषि कानूनों को हटाने और उनके स्थान पर नये कानून लाने की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि नये कानून सभी अंशधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लाए जाने चाहिए.

इसके अलावा किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मोर्चे पर भी गारंटी चाहते हैं. उनको आशंका है कि इन कानूनों से एमएसपी समाप्त हो सकता है. हालांकि, केंद्र ने इस आशंका को खारिज किया है.

Posted By: Amlesh Nandan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें