25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Target Killing Explainer: जानिए क्या है टारगेट किलिंग जिसके शिकार हो रहे कश्मीरी अल्पसंख्यक

टारगेट किलिंग के द्वारा किसी को सॉफ्ट टारगेट कर उसके बारे में तमाम जानकारियां जुटाई जाती है. उन्हें यह बात अच्छी तरह से पता होता है कि कब, कहां और किस तरह घटना को अंजाम देना है.

भारत समेत विश्व भर में टारगेट किलिंग (Target Killing) का शिकार आम लोगों को बनाया जाता रहा है. कभी धर्म के नाम पर तो कभी नश्ल के नाम पर टारगेट किलिंग की जाती रही है. हालांकि, अब भी कई देशों के भीतर टारगेट किलिंग विवाद का विषय बनी हुई है. इसपर किसी देश ने अब तक कठोर कानून नहीं बनाए हैं, जिससे टारगेट किलिंग पर अंकुश लगाया जा सके.

Also Read: टारगेट किलिंग : कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने बैंक मैनेजर की गोली मारकर की हत्या, वीडियो आया सामने
क्या है टारगेट किलिंग

हालांकि, टारगेट किलिंग शब्द का इस्तेमाल 20वीं सदी से होती रही है. टारगेट किलिंग के द्वारा किसी को सॉफ्ट टारगेट (Soft Target) कर उसके बारे में तमाम जानकारियां जुटाई जाती है. उन्हें यह बात अच्छी तरह से पता होता है कि कब, कहां और किस तरह घटना को अंजाम देना है.

जम्मू-काश्मीर और टारगेट किलिंग क्या है कनेक्शन

जम्मू-काश्मीर में 90 के दशक से टारगेट किलिंग शुरू हुई है. घाटी में टारगेट किलिंग द्वारा आतंकी आम लोगों के बीच डर का माहौल बनाने की कोशिश करते रहे है. अब तक आतंकियों ने सैकड़ों लोगों को टारगेट किलिंग का शिकार बनाया है. इन दिनों केंद्र सरकार कश्मीर में अल्पसं‍ख्योंको बसाने की कोशिश कर रही है, जिसे कमजोर करने के लिए आंतकी आम लोगों को टारगेट किलिंग का शिकार बना रहे हैं.

अब तक 16 लोगों की हुई हत्या

जम्मू कश्मीर में इस साल 16 अल्पसंख्यकों को टारगेट किलिंग का शिकार बनाया जा चुका है. पुलिस के मुताबिक उन लोगों को टारगेट किया जा रहा जिन्हें केंद्र सरकार ने घाटी में रोजगार के माध्यम से बसाने का काम कर रही है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से पलायन कर चुके लोगों को दुबारा बसाने की वजह से घाटी के चरमपंथियों और आतंकियों को हजम नहीं हो रही है. दहशत फैलाने के लिए अब तक कई आतंकी संगठन ने घाटी में 90 के दशक जैसा माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.

घाटी में टारगेट किलिंग का क्या है कारण

घाटी के अल्पसंख्यकों की माने तो आतंकी संगठन यह बिल्कुल नहीं चाहते है कि केंद्र सरकार की किसी योजना को घाटी में आसानी से लागू किया जाए. क्योंकि कश्मीर के लिए केंद्र सरकार की जो योजनाएं वहां पलायन कर चुके लोगों को वापस से राज्य में बसाने के लिए भी है. इसके अलावा केंद्र सरकार अलपसंख्यकों को रोजगार दिलाने की व्यवस्था कर रही है. वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की योजनाओं से कश्मीर में रोजगार पाने वाले युवाओं की वजह से सारा खतरनाक खेल खत्म हो रहा है. पहले घाटी में आतंकवादियों द्वारा बेरोजगार लोगों को निशाना बनाकर अपने मकसद के लिए इस्तेमाल करते थे. केंद्र सरकार की योजनाओं ने आतंकियों पर अंकुश लगा दिया है, जिससे वह लोगों को सॉफ्ट टारगेट कर घटना को अंजाम दे रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें