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सैयद अली शाह गिलानी के निधन पर इमरान खान का जहरीला बयान, आधा झुका पाकिस्‍तान का झंडा

गिलानी ने निधन पर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जहर उगलते नजर आये. प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत पर निशाना साधा और गिलानी को 'पाकिस्‍तानी' बताया.

Syed Ali Shah Geelani Death : जम्मू कश्मीर के वयोवृद्ध अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन हो गया है. जानकारी के अनुसार 91 साल के गिलानी ने श्रीनगर के हैदरपुरा स्थित आवास पर बुधवार की रात 10.35 बजे अंतिम सांस ली. वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे. उनके परिवार में उनके दो बेटे और छह बेटियां हैं. 1968 में अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने दोबारा शादी की थी. अलगाववादी नेता गिलानी पिछले दो दशक से अधिक समय से गुर्दे संबंधी बीमारी से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था. यही नहीं बढ़ती आयु संबंधी कई अन्य बीमारियों से वे जूझ रहे थे.

गिलानी के निधन पर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जहर उगलते नजर आये. प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत पर निशाना साधा और गिलानी को ‘पाकिस्‍तानी’ बताया. साथ ही देश के झंडे को आधा झुकाने की घोषणा की. इतना ही नहीं इमरान ने एक दिन के राष्‍ट्रीय शोक का भी ऐलान किया है.

मोबाइल इंटरनेट एहतियातन बंद : कश्मीर घाटी में अफवाहों के फैलने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा होने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट एहतियातन बंद किया जा रहा है. पूर्ववर्ती राज्य में सोपोर से तीन बार विधायक रहे गिलानी 2008 के अमरनाथ भूमि विवाद और 2010 में श्रीनगर में एक युवक की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों का चेहरा बनते नजर आये थे. वह हुर्रियत कांफ्रेंस के संस्थापक सदस्य थे, लेकिन वह उससे अलग हो गये और उन्होंने 2000 की शुरुआत में तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया था. आखिरकार उन्होंने जून 2020 में हुर्रियत कांफ्रेंस से भी विदाई ले ली.

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पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का ट्वीट : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलानी के निधन पर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए शोक व्यक्त किया है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि वह गिलानी के निधन की खबर से दुखी हैं. हम भले ही ज्यादातर चीजों पर सहमत नहीं थे, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके भरोसे पर अडिग रहने के लिए उनका सम्मान करती हूं. पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी गिलानी के निधन पर शोक व्यक्त किया.

हैदरपोरा में दफनाया जाएगा : गिलानी को शहर के बाहरी इलाके स्थित हैदरपोरा में उनकी पसंद की जगह पर दफनाया जाएगा. उनका पासपोर्ट 1981 में जब्त कर लिया गया था और फिर उनका पोसपोर्ट केवल एक बार 2006 में हज यात्रा के लिए उन्हें लौटाया गया था. उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय, पुलिस और आयकर विभाग में कई मामले लंबित थे. कश्मीर घाटी में मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर उनके निधन की सूचना दी गई और गिलानी समर्थक नारे लगाये गये. पुलिस ने बताया कि एहतियात के तौर पर कश्मीर में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाये गये हैं.

पहली बार कब गये जेल : पाकिस्तान समर्थक माने जाने वाले गिलानी तीन बार विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. गिलानी साल 1972, 1977 और 1987 में जम्मू कश्मीर के सोपोर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे थे. बाद में गिलानी ने चुनावी राजनीति से दूरी बनाने का काम किया. यहां चर्चा कर दें कि गिलानी ने साल 1950 में अपने सियासी सफर का आगाज किया था और 28 अगस्त 1962 को अशांति फैलाने के आरोप में पहली बार जेल भेजे गये थे.

Posted By : Amitabh Kumar

Prabhat Khabar Digital Desk
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