नयी दिल्ली : समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान, बेगम डॉ तंजेन फातिमा और बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला को एक कथित भूमि विवाद संलिप्तता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राहत देते हुए जमानत दे दी.
भारत के मुख्य न्यायमूर्ति एसए बोबड़े की अध्यक्षतावाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उत्तर प्रदेश की ओर से दाखिल की गयी अपील को खारिज करते हुए सपा नेता और उनके परिजनों को राहत दे दी.
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले जन्म प्रमाणपत्र के कथित जालसाजी मामले में भी आजम खान, बेगम डॉ तंजेन फातिमा और बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला को दी गयी जमानत को उत्तर प्रदेश सरकार की याचिकाओं को गुरुवार को खारिज कर दिया था.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया था.
मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन्म प्रमाणपत्र की कथित जालसाजी से संबंधित मामले में आजम खान, बेगम डॉ तंजेन फातिमा और बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला को जमानत देते हुए कहा था कि तीनों आरोपितों ने पिछले साल फरवरी में अदालत में समर्पण कर दिया था.
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान और उनकी बेगम को उनके बेटे के लिए दो जन्म प्रमाणपत्र जारी किये जाने की शिकायत की थी. एक जन्म प्रमाणपत्र 28 जनवरी, 2012 को नगर पालिका परिषद, रामपुर और दूसरा 21 अप्रैल, 2015 को नगर निगम लखनऊ से जारी किये जाने की शिकायत की थी.
साथ ही कहा था कि पहले जन्म प्रमाणपत्र में जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 और दूसरे जन्म प्रमाण पत्र में जन्मतिथि 30 सितंबर,1990 है. पहले जन्म प्रमाणपत्र का इस्तेमाल पासपोर्ट बनाने और दूसरे जन्म प्रमाणपत्र का इस्तेमाल सरकारी दस्तावेजों व विधानसभा चुनाव लड़ने में किया गया है.