Snake Story : झारखंड में लगभग 30 तरह के सांप पाए जाते हैं, लेकिन सभी जहरीले नहीं होते. ऐसा नहीं कि कोई भी सांप काट ले तो मौत हो जाए. इन सांपों में केवल छह सांप खतरनाक हैं. ये हैं: नाग, करैत, रसेल वाइपर, बैंडेड करैत, बैम्बू पिट वाइपर और सालाजार पिट वाइपर. इन छह में से नाग, करैत और रसेल वाइपर के काटने से अधिकतर मौतें होती हैं. वहीं, बैंडेड करैत, बैम्बू पिट वाइपर और सालाजार पिट वाइपर के काटने के मामले बहुत कम होते हैं. इसलिए झारखंड में सांप से सतर्क रहना जरूरी है. जहरीले सांपों से बचाव और समय पर इलाज बहुत महत्वपूर्ण है.
सांप अपना जहर व्यर्थ नहीं करते : विवेकानंद कुमार
झारखंड में बैंडेड करैत, बैम्बू पिट वाइपर और सालाजार पिट वाइपर बहुत सतर्क और चतुर सांप हैं. जीव वैज्ञानिक विवेकानंद कुमार के अनुसार, ये अपना जहर व्यर्थ नहीं करते. उनका जहर केवल शिकार को बेहोश या मारने के लिए पर्याप्त होता है, ताकि वे आराम से शिकार खा सकें. ये सांप झारखंड के लगभग सभी इलाकों में पाए जा सकते हैं. वहीं, नाग, करैत और रसेल वाइपर भी पूरे राज्य में आम हैं. इन सांपों से सतर्क रहना जरूरी है और इनके व्यवहार को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि किसी भी खतरे से बचा जा सके.
झाड़–फूंक पर क्यों हो जाता है लोगों को भरोसा
सांप के काटने के बाद लोग अक्सर झाड़–फूंक करवाने जाते हैं. जीव वैज्ञानिक विवेकानंद कुमार बताते हैं कि अगर काटा गया सांप बिना जहर वाला हो, तो झाड़–फूंक करने से व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता. लोग इसे तांत्रिक का कमाल समझ लेते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सभी सांप जहरीले होते हैं. यही भ्रम झाड़–फूंक पर भरोसा बढ़ाता है. लेकिन जहरीले सांप के काटने पर यह मदद नहीं करता. ऐसे मामलों में केवल एंटीवेनम इंजेक्शन ही असरदार है और मरीज की जान बचा सकता है. सांप के काटने के बाद समय पर इलाज बहुत जरूरी है.
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नाग और करैत के काटने पर क्या होता है?
विवेकानंद कुमार ने बताया कि नाग और करैत के काटने पर सबसे पहले चक्कर आते हैं और आंख पलटना शुरू हो जाता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि सांप ने शरीर में कितना जहर डाला है. कभी आधे घंटे में असर दिखता है, तो कभी ज्यादा समय लगता है. वहीं, रसेल वाइपर के काटने पर तुरंत सूजन आती है और आंख लाल हो जाती है.

