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School reopen in delhi : अरविंद केजरीवाल बोले, दूसरे राज्यों के अनुभवों को देख कर दिल्ली में खुलेंगे स्कूल

Schools Re-open, School reopen in delhi, Arvind Kejriwal : नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्कूलों को वैक्सीनेशन के बाद खोले जाने की वकालत की है. उन्होंने कहा है कि स्कूल खोलने की आदर्श स्थिति वैक्सीनेशन के बाद ही होगी.

नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्कूलों को वैक्सीनेशन के बाद खोले जाने की वकालत की है. उन्होंने कहा है कि स्कूल खोलने की आदर्श स्थिति वैक्सीनेशन के बाद ही होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार उन राज्यों पर नजर रखेगी, जहां राजधानी में स्कूलों को दोबारा खोलने के फैसले से पहले उनके अनुभवों को जानने के लिए स्कूल दोबारा खोले जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि हम स्कूल खुलनेवाले अन्य राज्यों के अनुभवों को देखेंगे, जहां स्कूल खोले जा रहे हैं, उसके बाद स्कूल खोलने पर फैसला करेंगे. कोरोना संक्रमण को लेकर अब भी बच्चों के माता-पिता सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

मालूम हो कि करीब एक सप्ताह पूर्व ही उन्होंने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर चिंता जतायी थी. साथ ही कहा था कि पूर्ण वैक्सीनेशन के पहले स्कूल नहीं खोले जायेंगे. मालूम हो कि साल 2021 की शुरुआत में फरवरी माह में सीमित समय के लिए कुछ कक्षाओं को खोला गया था. लेकिन, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर स्कूलों को बंद कर दिया गया.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी कोरोना संक्रमण को लेकर तीसरी लहर की आशंका जतायी है. साथ ही कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना जतायी गयी है. पिछले साल सितंबर-अक्तूबर माह में कुछ राज्यों में स्कूल खोले गये थे, हालांकि उसे कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मार्च-अप्रैल में बंद करना पड़ा.

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी कहा है कि कोरोना की पॉजिटिविटी रेट जहां कम है, केवल उन क्षेत्रों में ही स्कूलों को खोला जाना चाहिए. साथ ही कर्मियों का वैक्सीनेशन भी प्रक्रिया पूरी करने पर भी जोर दिया है. साथ ही कहा है कि पॉजिटिविटी रेट बढ़ने पर स्कूलों को बंद कर दिया जाना चाहिए.

उन्होंने स्कूल प्रशासन, शिक्षकों और अधिकारियों से बच्चों की नियमित निगरानी का भी अनुरोध किया है, जिससे कोरोनो वायरस संक्रमण के लक्षण दिखने पर संभावित बच्चे को अलग कर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करायी जा सके और इलाज किया जा सके. ऐसा नहीं होने पर दूसरे बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा होगा.

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