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रूसी कोरोना वैक्सीन को झटका, WHO ने मांगा प्रूफ, अमेरिका को भी संदेह

Russian Coronavirus Vaccine, Worldwide controversy, WHO Seeks Proof, America Doubts दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बीच रूस कोरोना वैक्सीन बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. लेकिन रूसी वैक्सीन पर भरोसा नहीं किया जा रहा है. खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी शक जता दिया है और प्रूफ की मांग कर दी है.

नयी दिल्ली : दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बीच रूस कोरोना वैक्सीन बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. लेकिन रूसी वैक्सीन पर भरोसा नहीं किया जा रहा है. खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी शक जता दिया है और प्रूफ की मांग कर दी है.

खबर है विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रूस से वैक्सीन के बारे में कई जानकारी मांगी है. WHO ने रूसी सरकार से वैक्सीन के बारे में रिसर्च जारी करने को कहा है. वहीं अमेरिका ने भी वैक्सीन को संदेहजनक बता दिया है.

अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार ने कहा कि कोविड-19 का टीका विकसित करना कोई प्रथम स्थान प्राप्त करने की प्रतियोगिता नहीं है. अजार ने इस टीके से संबंधित विज्ञान और सुरक्षा पर संदेह जताया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी नागरिकों तथा विश्व की भलाई के वास्ते जल्द से जल्द सुरक्षित और प्रभावी टीका विकसित करने के लिए अमेरिका अपनी सरकार, अर्थव्यवस्था और जैव-प्रौद्योगिकी संबंधी शक्तियों को एकजुट कर रहा है.

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अजार ने कहा कि अमेरिका ने मॉडर्ना कंपनी द्वारा विकसित किए जा रहे टीके के लिए एक विनिर्माण करार किया है और पांच अन्य कंपनियों के साथ आपूर्ति करार किया है जो टीके के काम से जुड़ी हैं. उन्होंने कहा कि करार में शामिल छह में से चार कंपनियों ने परीक्षणों के संबंध में जानकारी दी है कि कोविड-19 से मुक्त हुए लोगों की तुलना में परीक्षण में शामिल लोगों में टीके के कारण अधिक एंटीबॉडीज बनी हैं. अजार ने कहा कि दो कंपनियों के परीक्षण तीसरे चरण में पहुंच गए हैं, जबकि रूसी टीके के बारे में ऐसी किसी जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है.

वहीं सीएसआईआर- कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के उपचार के लिए विकसित किए गए रूस के टीके संबंधी पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं होने के कारण इस टीके के असरदार होने और इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होने के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. सीसीएमबी के निदेशक राकेश के मिश्रा ने कहा कि यदि लोग भाग्यशाली रहे तो रूस का टीका असरदार साबित होगा.

गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित कर लिया है जो कोविड-19 से निपटने में बहुत प्रभावी ढंग से काम करता है और एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है. इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

Prabhat Khabar Digital Desk
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