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‘जनता पीएम मोदी को लाठी से पीटेगी’, राहुल का यह बयान क्या Hate speech नहीं? भाजपा का कांग्रेस से सवाल

Hate speech Rahul Gandhi, Public will beat PM Modi, Is this not hate speech?, Ravi Shankar Prasad, Congress letter to FB को लेकर भाजपा और कांग्रेस पार्टी आमने-सामने आ गयी है. दोनों ने एक दुसरे ऊपर जमकर आरोप लगाया. इस बीच कांग्रेस ने फेसबुक से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में मंगलवार को इस सोशल नेटवर्किंग कंपनी के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर आग्रह किया कि इस पूरे मामले की फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जांच पूरी होने तक उसके भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नयी टीम को सौपीं जाए ताकि तफ्तीश की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो.

नयी दिल्ली : Hate speech को लेकर भाजपा और कांग्रेस पार्टी आमने-सामने आ गयी है. दोनों ने एक दुसरे ऊपर जमकर आरोप लगाया. इस बीच कांग्रेस ने फेसबुक से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में मंगलवार को इस सोशल नेटवर्किंग कंपनी के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर आग्रह किया कि इस पूरे मामले की फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जांच पूरी होने तक उसके भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नयी टीम को सौपीं जाए ताकि तफ्तीश की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो.

अब भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगा दिया. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, पिछले दिनों सोनिया गांधी ने कहा था कि ये आर-पार की लड़ाई है और राहुल गांधी ने कहा था कि ‘जनता पीएम मोदी को लाठी से पीटेगी’, क्या यह अभद्र भाषा नहीं है?.


कांग्रेस ने जुकरबर्ग को क्या लिखा पत्र

कांग्रेस की ओर से वह पत्र जारी किया गया जो कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से भेजा गया है. वेणुगोपाल ने फेसबुक के संस्थापक को लिखे पत्र में इस मामले का हवाला दिया और कहा कि इससे कांग्रेस को बहुत निराशा हुई है. उन्होंने जुकरबर्ग को सुझाव दिया, फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच आरंभ की जाए और एक या दो महीने के भीतर इसे पूरा कर जांच रिपोर्ट कंपनी के बोर्ड को सौंपी जाए. इस रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया जाए. वेणुगोपाल ने यह आग्रह भी किया कि जांच पूरी होने और रिपोर्ट सौंपे जाने तक फेसबुक की भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नयी टीम को सौपीं जाए ताकि जांच की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो.

क्या है मामला

गौरतलब है कि पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ. इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी.

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फेसबुक ने मामले में दी सफाई

फेसबुक ने इस तरह के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है. फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है.

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