पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आईआईटी गुवाहाटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, कोरोना संक्रमण से लेकर कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का जिक्र करते हुए इसे बदलते दौर के लिए सटीक बताया. उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति कई विषयों को जोड़कर बनाया गया है. इसमें विषयों को लचीला किया गया है. यह शिक्षा को तकनीक से जोड़ेगी. छात्र तकनीक के बारे में पढ़ेंगे और तकनीक से भी पढ़ाई हो सकेगी.’
आज के युवाओं की सोच पर कल का भारत
संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस और उससे उत्पन्न संकट के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि ‘देश का भविष्य आज के युवाओं की सोच पर निर्भर करता है. आपके सपने भारत को हकीकत में बदलने जा रहे हैं. मुझे पता है कोरोना संकट के दौरान शैक्षणिक सत्र चलाने और शोध कार्य को जारी रखना काफी कठिन रहा है. इतनी विषम परिस्थितियों के बावजूद संस्थान ने बेहतरीन सफलता पाई है.’ पीएम मोदी ने आईआईटी गुवाहाटी के प्रयासों की तारीफ करते हुए इसे ‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण’ में योगदान के रूप में भी जोड़ा.
आपदा प्रबंधन केंद्र की स्थापना का अनुरोध
पीएम मोदी ने आईआईटी गुवाहाटी से आपदा प्रबंधन केंद्र की स्थापना का अनुरोध भी किया. उन्होंने कहा ‘केंद्र से इलाके की आपदाओं से निपटने में काफी मदद मिलेगी. संस्थान के अनुभव से आपदा को अवसर में बदलने की शक्ति मिलेगी.’ पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र बताया. कहा कि ‘यह क्षेत्र दक्षिण पूर्वी एशिया का गेट-वे है. अब तक संस्कृति, व्यावसायिक, कनेक्टिविटी और क्षमता से दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों से जुड़ाव रहा है. अब, शिक्षा भी एक माध्यम बनने जा रहा है. पीएम ने पीएचडी पाने वाले छात्रों को भी बधाई दी.
शिक्षा की अंतरराष्ट्रीय मंजिल बनेगा भारत
खास बात यह रही कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अहम बताते हुए जिक्र किया ‘इससे भारत दुनिया में शिक्षा की अंतरराष्ट्रीय मंजिल बनने जा रहा है. हमारी देश के बेहतरीन संस्थान विदेशों में भी कैंपस की स्थापना की दिशा में कदम आगे बढ़ाएंगे. इसमें आईआईटी गुवाहाटी को मुख्य भूमिका निभानी है.’ दीक्षांत समारोह में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक समेत अन्य मौजूद रहे. समारोह में 687 बीटेक, 637 एमटेक छात्रों के अलावा 1,803 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई.