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पंचायती राज मंत्रालय और यूएनडीपी ने सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण समझौते पर किए हस्ताक्षर

17 अप्रैल को आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह के दौरान गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका गांव पर संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने पर पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार ने कहा कि पंचायती राज संस्थान ग्रामीण भारत में स्थानीय स्वशासन का एक महत्वपूर्ण भाग रहा है.

नई दिल्ली : पंचायती राज मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने बुधवार को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण पर एक दूरगामी संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए. इस आइकॉनिक वीक प्रोग्राम के अंतिम दिन पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार और यूएनडीपी की रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव शोको नोडा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया, जो भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है.

17 अप्रैल को आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह के दौरान गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका गांव पर संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने पर पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार ने कहा कि पंचायती राज संस्थान ग्रामीण भारत में स्थानीय स्वशासन का एक महत्वपूर्ण भाग रहा है और हमने लास्ट माइल कनेक्टिविटी हासिल करने और विभिन्न विभागों और मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में इन संस्थानों के योगदान को देखा है.

उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को भी तभी हासिल किया जा सकता है, जब हम पंचायती राज संस्थानों को सक्रिय रूप से शामिल करें. हम आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह में यूएनडीपी को सहयोगात्मक समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं और आगे हम जमीनी स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी को मजबूत करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय के साथ उनके बढ़ते और निरंतर जुड़ाव की आशा करते हैं.

उन्होंने कहा कि भारत की लगभग 65 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और सरकार ग्रामीण स्थानीय निकायों के माध्यम से स्वच्छता, आवास, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्रों में सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के वित्तपोषण को तेजी से आगे बढ़ा रही है. वहीं, यूएनडीपी की रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव शोको नोडा ने कहा कि 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि तभी हो सकती है, जब हम स्थानीय संदर्भ और स्थितियों पर विचार करें.

उन्होंने कहा कि पंचायती राज मंत्रालय और यूएनडीपी साझेदारी कार्यक्रमों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के दौरान स्थानीय प्राथमिकताओं को एजेंडे में सबसे ऊपर रखने में मदद करेगी. संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, पंचायती राज मंत्रालय और यूएनडीपी ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण और निगरानी तंत्र को मजबूत करने के क्षेत्रों में सहयोग करेंगे. यह संयुक्त वक्तव्य सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर यूएनडीपी के काम को और गति प्रदान करेगा.

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बता दें कि यूएनडीपी सतत विकास समन्वय केंद्रों के अपने हस्ताक्षर समाधान के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीयकृत और तेज करने के लिए नीति आयोग और राज्य सरकारों, विशेष रूप से हरियाणा, कर्नाटक, नागालैंड, पंजाब और उत्तराखंड के साथ साझेदारी में अग्रणी प्रयास कर रहा है. समग्र, समावेशी और सहभागी ग्राम पंचायत विकास योजनाओं की तैयारी के माध्यम से पंचायतों को सहायता प्रदान करने से सतत विकास लक्ष्यों के त्वरण में मदद करने वाला एक सक्षम वातावरण बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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