Operation Sindoor: भारतीय वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत ने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना के कुछ हाई टेक लड़ाकू विमानों को मार गिराया. भारतीय वायुसेना इन हमलों की पुष्टि के लिए टेक्निकल डीटेल्स की स्टडी कर रही है. उन्होंने संकेत दिया कि भारतीय पक्ष को भी युद्ध में नुकसान हुआ है, लेकिन लड़ाकू पायलट वापस आ गए हैं. भारती और दोनों सेनाओं के उनके समकक्षों लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने मीडिया को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद नई दिल्ली की सीधी सैन्य प्रतिक्रिया थी. आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे.
हमने कुछ विमानों को मार गिराया : एयर मार्शल ए.के. भारती
एयर मार्शल ए.के. भारती (महानिदेशक वायु संचालन) ने कहा “हमारे पास मलबा नहीं है क्योंकि उनके (पीएएफ) विमानों को हमारे हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. लेकिन हमने कुछ विमानों को मार गिराया है. मेरे पास संख्या है, और हम इसे स्थापित करने के लिए टेक्निकल डीटेल्स की स्टडी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं इस समय संख्या का खुलासा नहीं करना चाहता हूं.”
पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ
भारत ने पाकिस्तान को तीन दिन चले सैन्य संघर्ष के दौरान भारी नुकसान पहुंचाया है. इसमें पाकिस्तानी सेना के लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाले कुछ लड़ाकू विमानों को मार गिराना और राजधानी इस्लामाबाद के नजदीक प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाना भी शामिल है. सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि संघर्ष में 35-40 पाकिस्तानी सैन्यकर्मी मारे गए. नयी दिल्ली अपने टारगेट को पाने में सफल रहा. उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान ने कोई दुस्साहस किया तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
यह भी पढ़ें : Operation Sindoor: राजनाथ सिंह ने पाक सेना के हेडक्वार्टर रावलपिंडी को दी चुनौती, कहा- हमारी ताकत महसूस हो रही है
100 से अधिक आतंकवादियों को मारा गिराया गया
उन्होंने भारतीय सेना ने हल्के नुकसान की बात स्वीकार की, हालांकि अभियान जारी होने के कारण विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया. लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि आईसी 814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद समेत 100 से अधिक आतंकवादियों को सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मार गिराया गया.