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पाकिस्तानी नाव ‘अल सोहेली’ मामले में NIA की बड़ी कार्रवाई, हथियार-ड्रग्‍स के साथ पकड़ी गई थी नौका

पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित पोशानी समुद्र तट का इस्तेमाल एक विदेशी नाव "अल सोहेली" को भारतीय सीमा में भेजने के लिए किया गया था. इस पाकिस्तानी नाव को पिछले साल भारतीय जल क्षेत्र में रोक दिया गया था.

Pakistani Boat Al Soheli: पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित पोशानी समुद्र तट का इस्तेमाल एक विदेशी नाव “अल सोहेली” को भारतीय सीमा में भेजने के लिए किया गया था. इस पाकिस्तानी नाव को पिछले साल भारतीय जल क्षेत्र में रोक दिया गया था. इस मामले में एनआईए (NIA) की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि इस नौका का इस्तेमाल पंजाब और उत्तर भारत के आतंकवादी गिरोहों को धन मुहैया कराने के लिए तथा भारत में हथियारों और ड्रग्स की खेप पहुंचाने के लिए किया जा रहा था.

28 दिसंबर को जब्त किया गया था पाकिस्तानी नाव

आतंकवाद-रोधी एजेंसी द्वारा इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र से संबंधित 10 गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसमें उल्लेख किया गया था कि इनके पास से छह मैगजीन के साथ 6 विदेशी पिस्तौल और 120 जिंदा कारतूस के अलावा 40 किलोग्राम नशीला पदार्थ भी जब्त हुआ था. गुजरात में ओखा के पास भारतीय जल क्षेत्र में पिछले साल 28 दिसंबर को नाव को रोके जाने के साथ ड्रग्स और हेरोइन जब्त की गई थी.

ड्रग माफिया द्वारा भेजी गई थी हथियारों और ड्रग्स की खेप

इस पाकिस्तानी नाव का पंजीकरण नंबर बीएफडी 14460 था. जिसे गुजरात में ओखा के पास रोका गया था. साथ ही नाव पर सवार 10 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया. इनका उद्देश्य भारत में वित्तीय लाभ और आतंकवादी गतिविधियों और पंजाब और उत्तर भारत के आतंकवादी गिरोहों को धन मुहैया कराना था. प्राथमिकी के अनुसार, हथियारों और ड्रग्स की खेप एक विदेशी-आधारित ड्रग माफिया द्वारा भेजी गई थी, जिसे पाकिस्तान के बलूचिस्तान के निवासी हाजी सलीम बलूच वाला द्वारा बलूचिस्तान के पोशानी समुद्र तट से समुद्र में गुजरात के हारुन तक पहुंचाने के लिए भेजा गया था. प्राथमिकी धारा 154 सीआरपीसी (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) के तहत दर्ज की गई है.

गिरफ्तार किए गए सभी बलूचिस्तान के निवासी

एफआईआर में कादरबख्श उमेतन, इस्माइल सबजल, अमानुल्ला मुसा, अल्लाबख्श हटर, गोहरबख्श दिलमुराद, अनमल पुलन, गुलमोहम्मद हातिर, अंदामेल बोहेर, अब्दुलगनी जंगली और अब्दुलहाकिम दिलगुराद का नाम शामिल है. ये सभी पाकिस्तान के बलूचिस्तान के निवासी हैं. केंद्र सरकार को पिछले साल 28 दिसंबर को गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते थाने में मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की सूचना मिली थी. अपराध की गंभीरता, गंभीर सुरक्षा प्रभाव एवं इसके राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन ने एनआईए को इस वर्ष 6 मार्च को मामले को संभालने का आदेश दिया.

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