Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में मंगलवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ है. आतंकियों ने इस बार पर्यटकों को निशाना बनाया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है. हमले में करीब एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने हमला करने से पहले पहचान पूछकर गोली चलाई. जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री तत्काल जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हो गए. इससे पहले उन्होंने दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग की थी. हमले के बाद पीएम मोदी ने भी उनके फोन पर बात की थी.
जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की घोर निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस करतूत में शामिल लोगों को नहीं बख्शा जाएगा. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा ‘आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा. उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा. आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है तथा यह और भी मजबूत होगा.’ पीएम मोदी ने हमले में अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जाहिर की है. उन्होंने कहा “मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है.”
जम्मू कश्मीर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर पहुंच गए हैं. अमित शाह मंगलवार को पर्यटकों पर हुए हमले के कुछ घंटे बाद श्रीनगर पहुंचे और हवाई अड्डे से सीधे राजभवन पहुंचे. शाह सुरक्षा अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक करने वाले हैं. अधिकारियों ने बताया कि शाह बुधवार को पहलगाम का दौरा कर सकते हैं.
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है. यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक रूप है. इस संगठन के लड़ाके छिपकर हमला करने में माहिर है. इंडिया टुडे ग्रुप की एक रिपोर्ट के मुताबिक पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है. यह आतंकी संगठन पाकिस्तान से ऑपरेट होता है.
अमरनाथ यात्रा में बन सकते हैं बड़ी चुनौती
पहलगाम में आतंकियों का हमला ऐसे समय में हुआ है जब राज्य में अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है. अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकी हमला कर तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के बीच भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. सुरक्षा बलों के लिए आने वाले समय में आतंकी बड़ी चुनौती बन सकते हैं, क्योंकि अमरनाथ यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचने वाले हैं.
पुलवामा के बाद सबसे भीषण हमला
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को हाल के सालों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा हमला करार दिया है.
कैसे दिया हमला को अंजाम
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले घास के मैदान में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे लोगों के साथ-साथ वहीं मौजूद अन्य पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि हो सकता है कि आतंकवादी समूह जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन तक पहुंचे हो.