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Lockdown : कोरोना और लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए युवाओं को 15000 रुपये भत्ता देगी मोदी सरकार ?

क्या कोरोना (coronavirus in india) के कारण बेरोजगार (unemployment) हुए लोगों को हर माह 15,000 रुपये भत्ता देगी मोदी सरकार (MODI Govt) ? दरअसल, कोरोना वायरस के बढते संक्रमण के बीच देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया था और इस दौरान बहुत से लोगों को नौकरी (Jobs loss) से हाथ धोना पड़ा. मामले की गूंज मंगलवार को सदन (parliament) में सुनाई दी. हालांकि अब अनलॉक (Unlock 4) की प्रक्रिया देश में चल रही है और सभी चीजें पटरी पर आ रहीं हैं. मोदी सरकार भी रोजगार (govt job) सृजन को लेकर काम कर रही है. संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन, आज राज्यसभा में सपा सदस्य राम गोपाल यादव ने कोरोना वायरस महामारी के कारण बड़े पैमाने पर लोगों के बेरोजगार होने और उनमें पैदा हो रही हताशा के कारण आत्महत्या (suicide) की बढ़ती प्रवृत्ति का मुद्दा उठाया.

क्या कोरोना (coronavirus in india) के कारण बेरोजगार (unemployment) हुए लोगों को हर माह 15,000 रुपये भत्ता देगी मोदी सरकार (MODI Govt) ? दरअसल, कोरोना वायरस के बढते संक्रमण के बीच देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया था और इस दौरान बहुत से लोगों को नौकरी (Jobs loss) से हाथ धोना पड़ा. मामले की गूंज मंगलवार को सदन (parliament) में सुनाई दी. हालांकि अब अनलॉक (Unlock 4) की प्रक्रिया देश में चल रही है और सभी चीजें पटरी पर आ रहीं हैं. मोदी सरकार भी रोजगार (govt job) सृजन को लेकर काम कर रही है. संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन, आज राज्यसभा में सपा सदस्य राम गोपाल यादव ने कोरोना वायरस महामारी के कारण बड़े पैमाने पर लोगों के बेरोजगार होने और उनमें पैदा हो रही हताशा के कारण आत्महत्या (suicide) की बढ़ती प्रवृत्ति का मुद्दा उठाया.

यादव ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण अपनी आजीविका गंवाने वाले लोगों को हर महीने 15 हजार रुपये भत्ता देने का सरकार से अनुरोध किया. यादव ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण करोड़ों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई और कई परिवार बिखर गए. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई तो दूर रही, वे भूखे सोने के लिए विवश हो गए.

उन्होंने कहा कि इस महामारी के कारण लोगों में मानसिक तनाव और हताशा बढ़ती जा रही है. ऐसे में लोग आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने इस कड़ी में नोएडा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां इस बीमारी के कारण 44 लोगों की मौत हुई जबकि पिछले कुछ महीनों में वहां 165 लोगों ने आत्महत्या की. यादव ने बेरोजगार हुए लोगों को हर माह 15 हजार रूपए देने की मांग करते हुए कहा कि इससे लोगों को कुछ तो सहारा मिल सकेगा और वे जीवित रह सकेंगे. उन्होंने कहा कि पश्चिम से लेकर पूरब तक हर सरकार ऐसा कर रही है और हमें भी ऐसा करना चाहिए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भी मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत में कोविड-19 के कारण स्थिति और गंभीर हो गयी है. एक अनुमान के अनुसार, हर साल दुनिया भर में आठ लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं और भारत में यह संख्या करीब 1.39 लाख है. उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि आत्महत्या की कुल घटनाओं में से 15 प्रतिशत भारत में होती हैं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार 2019 में भारत में ऐसे मामलों की संख्या में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई. भारत में साढ़े तीन मिनट में आत्महत्या की एक घटना होती है जो काफी दुखद है.

शर्मा ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर सात में से एक व्यक्ति के अवसाद से पीड़ित होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण स्कूली बच्चों और छात्रों में अवसाद की समस्या तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि उन बच्चों के बीच यह समस्या और गंभीर है जिन्हें ऑनलाइन पढ़ाई आदि की सुविधा नहीं हैं, मध्याह्न भोजन नहीं मिल पा रहा है और कोविड को लेकर मन में भय तथा अनिश्चितता व्याप्त है. उन्होने सरकार से इस संबंध में ठोस नीति बनाने और उचित कदम उठाने का अनुरोध किया.

Posted By : Amitabh Kumar

Prabhat Khabar Digital Desk
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