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MCD: दिल्ली का मेयर चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए होगा अहम

मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 25 अप्रैल को होना है. यह चुनाव भाजपा और आम आदमी पार्टी के लिए काफी मायने रखता है. संख्याबल के लिहाज से नगर निगम में भाजपा का मेयर चुना जाना तय है. अगर ऐसा होता है तो कई साल बाद भाजपा केंद्र, राज्य और नगर निगम की सत्ता पर काबिज होगी. यह आम आदमी पार्टी के सियासी वजूद के लिए बड़ा संकट पैदा कर सकता है.

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By Vinay Tiwari
By Vinay Tiwari
MCD: दिल्ली की सत्ता पर भाजपा के काबिज होने के बाद नगर निगम के मेयर का पहला चुनाव होने जा रहा है. मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 25 अप्रैल को होना है. यह चुनाव भाजपा और आम आदमी पार्टी के लिए काफी मायने रखता है. मौजूदा समय में दिल्ली के 250 सीटों वाले नगर निगम में भाजपा के 117 पार्षद हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के 113 और कांग्रेस के पास 8 पार्षद हैं. नगर निगम में पार्षद के 12 पद खाली है. भाजपा सांसद कमलजीत सेहरावत लोकसभा सांसद बन चुकी है और विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और आम आदमी पार्टी के 11 पार्षद विधायक बन चुके है. फिलहाल इन रिक्त सीटों पर उपचुनाव की संभावना नहीं है. वर्ष 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी नगर निगम में बहुमत हासिल करने में सफल रही थी. दिल्ली मेयर चुनाव में 250 पार्षदों के अलावा 10 सांसद (7 लोकसभा और 3 राज्यसभा), 14 विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित विधायक और 10 एल्डरमैन शामिल होते हैं. आम आदमी पार्टी के शासनकाल में नगर निगम में आप का आधार मजबूत था. लेकिन सरकार बदलने के साथ ही नगर निगम का सियासी परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है. दिल्ली के सातों लोकसभा सांसद भाजपा के है, जबकि राज्यसभा के तीनों सांसद आम आदमी पार्टी के हैं, जिसमें स्वाति मालीवाल पार्टी के खिलाफ सक्रिय हैं. कई आम आदमी पार्टी के पार्षद भाजपा में शामिल हो चुके हैं. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नगर निगम के चुनाव में मतदान करने वाले विधायकों का गणित भी पूरी तरह बदल गया है. अब नामित विधायकों में भाजपा के 11 और आम आदमी पार्टी के सिर्फ तीन विधायक हैं. ऐसे में संख्या बल भाजपा के पक्ष में झुका दिख रहा है.
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