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‘गोमूत्र से शुद्धिकरण’,बालासाहेब को गुरू और उद्धाव ठाकरे को ‘नापसंद’ करने वाले राणे के साथ शिवसेना ने किया ये

BJP vs ShivSena: कुछ दिन पहले केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए कहा था कि वह अभी भी बालासाहेब ठाकरे को अपना गुरु मानते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे के कारण उन्हें शिवसेना का त्याग करना पड़ा था.

BJP vs Shiv Sena : अपने गुरु और शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे को स्मारक पर केंद्रीय केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने गुरुवार को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद जो हुआ उसकी चर्चा जोरों पर हो रही है. नारायण राणे श्रद्धांजलि देने के बाद जैसे ही वहां से गये कुछ घंटे बाद शिवसैनिकों ने स्थल को गोमूत्र से धोने का काम किया और उसे शुद्ध करने के लिये दूध से अभिषेक किया. यहां चर्चा कर दें कि स्मारक पर जाने के राणे के फैसले का शिवसेना के कुछ नेताओं ने पहले विरोध किया था.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए कहा था कि वह अभी भी बालासाहेब ठाकरे को अपना गुरु मानते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे के कारण उन्हें शिवसेना का त्याग करना पड़ा था. उन्होंने कहा था कि 39 साल तक शिवसेना के साथ मैं रहा और बालासाहेब जी ने ही मुझे मुख्‍यमंत्री बनाया. मैं बालासाहेब जी का सम्मान करता हूं, उन्हें अपना गुरु मानता हूं…जब मैं शिवसेना में था तब भी मुझे उद्धव ठाकरे का साथ नहीं था और मैंने उनकी वजह से ही शिवसेना छोड़ दी.

राणे के दौरे के बाद स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता अप्पा पाटिल ने उस स्थान को गोमूत्र से धोया जहां राणे ने ठाकरे को श्रद्धांजलि दी थी और उसके बाद उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया. पाटिल ने मामले को लेकर कहा कि राणे यहां बालासाहेब को श्रद्धांजलि देने आये थे, लेकिन उसी दौरान उन्होंने उस पार्टी की आलोचना की जिसकी स्थापना उन्होंने की है. उनके आने से यह स्थान अशुद्ध हो गया था, इसलिये हम इसे स्वच्छ करना चाहते थे.

यदि आपको याद हो तो राणे पहले शिवसेना में थे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गये. हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने के बाद मुंबई में उन्होंने जन आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत की. शिवसेना के स्थानीय सांसद विनायक राउत ने कहा कि बाल ठाकरे राणे जैसे लोगों को कभी आशीर्वाद नहीं देंगे.

इससे पहले राउत ने बुधवार को कहा था कि शिव सैनिक केंद्रीय मंत्री को स्मारक पर जाने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को तोड़ा था. लेकिन शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणे के दौरे के दौरान कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया. भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के स्मारक को धोने के कृत्य की आलोचना की है. विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि बाल ठाकरे किसी की ‘‘निजी संपत्ति” नहीं हैं. भाजपा के एक अन्य नेता आशीष शेलार ने कहा कि शिवसेना को ऐसी ‘नौटंकी’ बंद करनी चाहिये.

Posted By : Amitabh Kumar

Prabhat Khabar Digital Desk
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