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Hijab Ban: क्या है कर्नाटक हिजाब मामला, सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी होगी सुनवाई

हिजाब को मुसलमानों की पहचान करार देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि कर्नाटक राज्य के अधिकारियों के विभिन्न हथकंडों से अल्पसंख्यक समुदाय को हाशिए पर रखने का एक तरीका दिखता है.

हिजाब प्रतिबंध मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई होगी. मंगलवार को को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गयी, जिसके बाद शीर्ष कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए बुधवार का दिन तय किया है. अबतक इस मामले में 9वीं बार सुनवाई हो चुकी है.

हिजाब मुसलमानों की पहचान : अधिवक्ता दुष्यंत दवे

हिजाब को मुसलमानों की पहचान करार देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि कर्नाटक राज्य के अधिकारियों के विभिन्न हथकंडों से अल्पसंख्यक समुदाय को हाशिए पर रखने का एक तरीका दिखता है. दवे ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ से कहा कि यह वर्दी का मामला नहीं है और वह यह बताना चाहेंगे कि राज्य के अधिकारियों के विभिन्न हथकंडों से अल्पसंख्यक समुदाय को हाशिए पर रखने का एक तरीका दिखता है. यह तर्क देते हुए कि देश उदार परंपराओं और धार्मिक विश्वासों पर बना है, कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए दवे ने कहा, आज जिस तरह का माहौल देखा जा रहा है वह उदार कहलाने से बहुत दूर है.

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क्या है मामला

दरअसल कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद इसी साल जनवरी में शुरू हुई. राज्य के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश की. जिसपर कॉलेज प्रशासन ने आपत्ति जताते हुए उन्हें हिजाब पहनकर कॉलेज आने से रोका गया. मना करने के बावजूद छात्रा हिजाब पहनकर कॉलेज आना जारी रखीं. जिसके बाद लड़कों ने इसका कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उसके बाद देशभर में इसके समर्थन और विरोध में चर्चा होने लगी. दरअसल कर्नाटक सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में ड्रेस अनिवार्य कर दिया है.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब बैन को बरकरार रखा

कर्नाटक के कॉलेज में हिजाब को लेकर बवाल हाईकोर्ट तक पहुंचा. जहां सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया. बैन को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. फैसला सुनाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा नहीं है. दरअसल कॉलेज की छात्रों ने हिजाब पहनने की इजाजत दिये जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि छात्र स्कूल-कॉलेज में ड्रेस पहनने से इनकार नहीं कर सकते.

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