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कैबिनेट विस्तार पर कर्नाटक में खींचतान! सिद्दारमैया और शिवकुमार के लिए बनी सिरदर्द, जानिए कहां फंसा है पेंच

सिद्धारमैया और शिवकुमार ने 20 मई को आठ मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. लेकिन अभी तक किसी मंत्री को विभाग नहीं मिला है. साथ ही कैबिनेट विस्तार भी नहीं हुआ है. ऐसे में इन मुद्दों पर चर्चा के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार आज फिर दिल्ली जा रहे हैं.

कर्नाटक में नयी गठित सरकार के सामने अब सबसे बड़ी समस्या मंत्रिमंडल विस्तार की है. इसी को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार आज यानी बुधवार देर शाम नई दिल्ली जाने वाले हैं. दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ कर्नाटक राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और मौजूदा मंत्रियों को विभागों के आवंटन पर चर्चा करने की संभावना है. सिद्धारमैया विशेष विमान से शाम साढ़े छह बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे. उनके साथ डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी होंगे.

मुख्यमंत्री करेंगे कैबिनेट विस्तार: इधर कैबिनेट विस्तार को लेकर मीडिया से हुई बातचीत में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री की ओर से किया जाएगा. शिवकुमार ने कहा कि उनके पास अधिकार है, कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अधिकार दिया है. वह जवाब देने के लिए सही व्यक्ति हैं. शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा कि यह सवाल के लिए कृपया उनसे मिलें.

सिद्धारमैया और शिवकुमार में मतभेद: गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार ने 20 मई को आठ मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. लेकिन अभी तक इन मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान ने पिछले हफ्ते शपथ ग्रहण समारोह से पहले दिल्ली में हुई बैठक में आठ मंत्रियों की पहली सूची को मंजूरी दी थी, जबकि पहले मंत्रिमंडल में बड़ी संख्या में विधायकों को शामिल किए जाने की योजना है.

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सिद्धारमैया ने सामने काफी बड़ी चुनौती: मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मंत्रिमंडल में विधायकों के नामों को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मतभेद है. नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन और एक ऐसे मंत्रिमंडल का गठन, जिसमें सभी समुदायों, क्षेत्रों, गुटों और नयी व पुरानी पीढ़ी के विधायकों को प्रतिनिधित्व हासिल हो, सिद्धारमैया के लिए काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है. सबसे बड़ी बात की कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है. इसे देखते हुए कई नेता मंत्री बनने की होड़ में शामिल हैं.

भाषा इनपुट से साभार

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