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Thursday, March 28, 2024

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जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर तालिबान के संपर्क में , कश्मीर मसले पर मांगी मुल्ला बरादर से मदद

मसूद अजहर ने तालिबान से कश्मीर के मसले पर मदद मांगी है. गौरतलब है कि मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है, वह अब भारत में अपने पैर एक बार फिर पसारने के लिए तालिबान से मदद चाहता है.

आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर इन दिनों तालिबान के संपर्क में है. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन का यह आतंकी अगस्त के तीसरे सप्ताह में अफगानिस्तान में था और उसने वहां तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की है.

कश्मीर मसले पर मांगी तालिबान की मदद

सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिल रही है कि मसूद अजहर ने तालिबान से कश्मीर के मसले पर मदद मांगी है. गौरतलब है कि मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है, वह अब भारत में अपने पैर एक बार फिर पसारने के लिए तालिबान से मदद चाहता है.

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे पर मसूद ने खुशी जतायी थी

15 अगस्त को जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और वहां के राष्ट्रपति को देश छोड़कर भागना पड़ा तो अजहर मसूद ने तालिबान की इस जीत पर खुशी जतायी थी. उसने एक लेख लिखकर अपनी खुशी का ऐलान किया था. जैश ने तालिबान को अफगानिस्तान में जीत की बधाई दी थी. तालिबान और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन शरिया कानून को सर्वोपरि मानते हैं और उसी के अनुसार वे शासन चलाना चाहते हैं.

तालिबान के उदय से पाकिस्तान का हौसला बढ़ा

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान के हौसले बुलंद हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान के उदय के बाद कहा था कि तालिबान ने गुलामी की जंजीरें तोड़ी हैं. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां खुशी है. इमरान खान की पार्टी की एक नेता नीलम इरशाद ने बयान दिया है कि अब वे तालिबान की मदद से कश्मीर हासिल करेंगी. कहने का आशय यह है कि सीधे युद्ध में भारत से हमेशा परास्त होने वाला पाकिस्तान अब तालिबान के बल पर छद्म युद्ध के सपने देख रहा है जो वह आतंकवादी गतिविधियों के जरिये करता ही रहा है.

सिमी एक बार फिर हो सकता है सक्रिय

भारतीय आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान समय में सिमी पर प्रतिबंध है और यह अस्तित्व में नहीं है, लेकिन इसके कई आतंकी वहादत-ए-इस्लाम में शिफ्ट हो गए हैं. सिमी के कई आतंकी इंडियन मुजाहिदीन में शामिल हुए है या यूं कहें कि इंडियन मुजाहिदीन सिमी का ही बदला हुआ स्वरूप है तो गलत नहीं होगा. यह सभी संगठन तालिबान को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं और उनके संपर्क में हैं या उनसे संपर्क कर सकते हैं. ऐसे में यह मसला देश के लिए खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि यह संगठन एक बार फिर देश में अपनी सक्रियता बढ़ा सकते हैं.

Also Read: ISIS-K के निशाने पर अफगान में सिख व हिंदू, तालिबानी कब्जे के बाद काबुल धमाका भारत के लिए खतरनाक संकेत तो नहीं?

Posted By : Rajneesh Anand

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