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Thursday, March 28, 2024

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India China Tension : चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया, क्या यह भी ‘एक्ट ऑफ गाड’ है, राहुल गांधी ने किया मोदी सरकार पर कटाक्ष

India China TensionCONGRESS, rahul gandhi,pm narendra modi :भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने शुक्रवार को अपने ट्वीटर वॉल पर लिखा कि चीन ने हमारी धरती पर कब्जा कर लिया…कब भारत सरकार इसे मुक्त कराएगी…या फिर इसे भी सरकार एक्ट ऑफ गाड बताकर छोड़ देगी… आपको बता दें राहुल गांधी और उनकी पार्टी हर मोर्चे पर मोदी सरकार को घेरने में लगी हुई है. इसी क्रम में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रति दिन ट्वीट करके केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं.

भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने शुक्रवार को अपने ट्वीटर वॉल पर लिखा कि चीन ने हमारी धरती पर कब्जा कर लिया…कब भारत सरकार इसे मुक्त कराएगी…या फिर इसे भी सरकार एक्ट ऑफ गाड बताकर छोड़ देगी… आपको बता दें राहुल गांधी और उनकी पार्टी हर मोर्चे पर मोदी सरकार को घेरने में लगी हुई है. इसी क्रम में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिदिन ट्वीट करके केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं.

दोनों देशों के बीच बनी सहमति : इधर, भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सीमा पर लंबे समय से जारी गतिरोध समाप्त करने के लिए पांच सूत्रीय योजना पर सहमत हुए हैं, जिसमें सीमा के प्रबंधन से जुड़े सभी मौजूदा समझौतों एवं नियमों का पालन करना, शांति बनाए रखना और स्थिति को बिगाड़ सकने वाली हर कार्रवाई से बचना शामिल है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच मॉस्को में बृहस्पतिवार शाम हुई वार्ता में दोनों देश इस योजना पर सहमत हुए.

जयशंकर और वांग मॉस्को में: आपको बता दें कि जयशंकर और वांग शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए मॉस्को में हैं. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मई की शुरुआत से ही तनाव कायम है. विदेश मंत्रालय ने जयशंकर और वांग के बीच ‘‘स्पष्ट एवं रचनात्मक” वार्ता के बाद शुक्रवार सुबह पांच-सूत्रीय संयुक्त बयान जारी किया.

क्या है बयान में : बयान में कहा गया है कि दोनों विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है, इसी लिए वे इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर तैनात दोनों देशों की सेनाओं को संवाद जारी रखना चाहिए, उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए और तनाव को कम करना चाहिए. संयुक्त बयान के अनुसार, जयशंकर और वांग ने सहमति जताई कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों को विकसित करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए, जिसमें मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना शामिल है.

पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच वार्ता : इस बात का इशारा 2018 और 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई दो अनौपचारिक शिखर वार्ताओं से था.

Posted By : Amitabh Kumar

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