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रूसी तेल सिर्फ बहाना, भारत से ट्रंप की नाराजगी के 3 असली कारण

India America News: पिछले कुछ दिनों से भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में खटास आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना बेस्ट फ्रेंड कहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को धमकी दे रहे हैं. ट्रंप ने अगले 24 घंटे में भारत पर भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है. ट्रंप ने भारत पर जुर्माना भी लगाने का ऐलान किया है. इसके लिए उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि भारत, रूस से तेल खरीदता है और अधिक मुनाफा कमाते हुए भारतीय बाजारों में बेचता है. इसलिए जुर्माना लगाया जा रहा है. हालांकि रूस से तेल खरीदना तो बहाना मात्र है, भारत से नाराजगी के पीछे और भी बड़ी वजहें हैं. इस स्टोरी में हम उन वजहों को जानने की कोशिश करेंगे.

India America News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कुछ दिनों से भारत को लगातार आंख दिखा रहे हैं. पहले 25 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी, फिर रूस के साथ व्यापार करने पर जुर्माना लगाने का ऐलान किया. अब धमकी दे रहे हैं कि भारत पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाएंगे. तो आखिर ऐसा क्या हो गया कि ट्रंप अचानक भारत के दोस्त, नहीं दुश्मन हो गए.

रूस के साथ व्यापार

डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को रोकने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वो कई तरह के हथकंडे भी अपना चुके हैं. उन्होंने रूस पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी भी दी, लेकिन सफल नहीं हो पाए. अब उनके निशाने पर वैसे देश हैं, जो रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं. जिसमें भारत भी शामिल है. भारत रूस से भारी मात्रा में तेल के साथ-साथ हथियार खरीदता है. यही बात ट्रंप को खटक रही है.

ट्रंप की मांगों पर भारत की अनदेखी

डोनाल्ड ट्रंप को एक बात सबसे ज्यादा परेशान कर रही है और वो है अमेरिकी मांग पर भारत की अनदेखी. ट्रंप भारत से लगातार टैरिफ कम करने की मांग कर रहे हैं, इसके साथ ही साथ कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए भारतीय बाजारों को खोलने की मांग कर रहे हैं. लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप की मांगों को अनदेखी कर दी है और साफ कर दिया है कि किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

ब्रिक्स से खौफ

डोनाल्ड ट्रंप को एक और बात सबसे अधिक परेशान कर रही है, ब्रिक्स संगठन. ट्रंप ने टैरिफ की घोषणा करने के साथ कहा था कि ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. ब्रिक्स तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाला संगठन है. रूस और चीन जो आर्थिक रूप से काफी मजबूत देश हैं, आपस में अपनी करेंसी में ट्रेड करते रहे हैं और ब्रिक्स के अन्य देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय करेंसी का प्रपोजल दिया है. इस समय अमेरिकी करेंसी डॉलर पर अधिकतर देश की निर्भरता है, लेकिन इसपर भी ब्रिक्स देशों से ट्रंप को खतरा लगने लगा है. यही कारण है कि ट्रंप के निशाने पर ब्रिक्स संगठन और उसके सहयोगी देश हैं. ब्रिक्स देशों में ब्राजील , रूस , भारत , चीन , दक्षिण अफ्रीका , मिस्र , इथियोपिया , इंडोनेशिया , ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.

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ArbindKumar Mishra
ArbindKumar Mishra
मुख्यधारा की पत्रकारिता में 14 वर्षों से ज्यादा का अनुभव. खेल जगत में मेरी रुचि है. वैसे, मैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर काम करता हूं. झारखंड की संस्कृति में भी मेरी गहरी रुचि है. मैं पिछले 14 वर्षों से प्रभातखबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इस दौरान मुझे डिजिटल मीडिया में काम करने का काफी अनुभव प्राप्त हुआ है. फिलहाल मैं बतौर शिफ्ट इंचार्ज कार्यरत हूं.

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