हिमाचल प्रदेश में निजाम बदला तो अब बदलने लगी है निजामत. और पिछली सरकार के सियासी फैसले पर भी रिव्यू किया जा रहा है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश के नये सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीजेपी सरकार के लिए सभी फैसलों की समीक्षा करने की घोषणा की है. यहीं नहीं, उन्होंने उन अधिकारियों को भी बर्खास्त करने का आदेश दिया है जिन्हें हाल ही में फिर से नियुक्त किया गया था या उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था. वहीं, बीजेपी ने इस फैसले को बदले की भावना करार दिया है.
तत्काल प्रभाव से खत्म की गई सेवाएं: गौरतलब है कि सरकार बनाने के बाद सीएम सुक्खू ने बीते सोमवार को आदेशों जारी कर कहा था कि विभिन्न बोर्ड और समितियों के प्रमुखों और सदस्यों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म की जाती हैं और सरकारी नौकरियों के लिए भर्तियां, जब तक कि राज्य भर्ती बोर्ड या आयोग के माध्यम से नहीं की गई हो, रोकी जाती हैं. हालांकि सरकार ने कहा है कि यह आदेश सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और स्वास्थ्य संस्थानों पर लागू नहीं होगा.
शिलान्यासों का मांगा विवरण: प्रदेश की सरकार ने एक जून 2022 से पिछले छह महीनों के दौरान पिछली बीजेपी सरकार द्वारा किए गए सभी शिलान्यासों का विवरण भी 15 दिसंबर 2022 तक मुख्यमंत्री कार्यालय में जमा करने के लिए कहा. सरकारी आदेश में कहा गया है कि प्रक्रियाधीन सभी लंबित निविदाओं को रोक दिया जाये, और अगले आदेश तक किसी भी परिस्थिति में कोई काम नहीं दिया जाएगा और कोई नई निविदा आमंत्रित नहीं की जाएगी.
बीजेपी ने जताया विरोध: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के इस फरमान को बीजेपी ने तुगलकी करार दिया है. हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि अंत के 8 से 9 महीने के कार्यकाल में हमने जो फैसले लिए थे उन्हें अब कांग्रेस सरकार रिव्यू कर रही है. उन्होंने कहा कि वो रिव्यू करें लेकिन जिस मंशा के साथ वे यह बात कह रहे हैं, उससे साबित होता है कि वो बदले की भावना से कार्रवाई करने की दिशा में काम कर रहे हैं. जयराम ठाकुर ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहा है.