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Fact Check : 2100 रुपये देकर नौकरी, लैपटॉप, प्रिंटर और मोबाइल देने क दावा, जानें वायरल मैसेज का सच

pib Fact Check, claim of giving job, viral message महिला एवं बाल विकास के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान (Beti Bachao, Beti Padhao Yojana) को लेकर एक खबर इस समय सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. खबर में दावा किया जा रहा है कि लड़के,लड़कियां और गृहणियां 2100 रुपये देकर नौकरी, लैपटॉप, प्रिंटर और मोबाइल ले सकते हैं. वायरल मैसेज में नौकरी के योग्यता, नियम और शर्तें भी बतायी गयीं हैं.

महिला एवं बाल विकास के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान (Beti Bachao, Beti Padhao Yojana) को लेकर एक खबर इस समय सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. खबर में दावा किया जा रहा है कि लड़के,लड़कियां और गृहणियां 2100 रुपये देकर नौकरी, लैपटॉप, प्रिंटर और मोबाइल ले सकते हैं. वायरल मैसेज में नौकरी के योग्यता, नियम और शर्तें भी बतायी गयीं हैं. हालांकि वायरल मैसेज को सरकार ने फर्जी बता दिया है. पीआईबी फैक्ट (PIB Fact Check) चेक की टीम ने वायरल मैसेज को लेकर बताया कि सरकार की ओर से ऐसी कोई भी योजना नहीं बनायी गयी है. साथ ये भी बताया गया कि जिस सरकारी वेब साइट को लेकर दावा किया जा रहा है वो भी फर्जी है.

क्या किया जा रहा है वायरल मैसेज में दावा

वायरल मैसेज में दावा में नौकरी के लिए योग्यता जो दी गयी है, उसके अनुसार उम्र सीमा कम से कम 15 वर्ष होनी चाहिए. कंप्यूटर का ज्ञान होना चाहिए.

इसके अलावा जो नियम और शर्तें दी गयी हैं, उसके अनुसार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पार्ट टाइम और फुल टाइम जॉब दी जा रही है. इसके अलावा गोल्ड रिंग, 9100 रुपये का चेक दी जाएगी. जॉब 32 साल के लिए है और जब रिटायरमेंट होगी, तो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तहत 10 लाख 15 हजार रुपये भी दिये जाएंगे.

सरकार ने जारी की चेतावनी

इधर फर्जी खबर को लेकर सरकार की ओर से चेतावनी जारी कर दी गयी है. भारत सरकार ने कहा, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संज्ञान में यह आया है कि कुछ अनधिकृत वेब साइटें ‘ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ‘ योजना के तहत नकद प्रोत्साहन के नाम पर फॉर्म वितरित कर रहे हैं. इस योजना में भारत सरकार की ओर से व्यक्तिगत नकद हस्तांतरण घटक ‘ के लिए कोई प्रावधान नहीं है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ‘ योजना के तहत सामाजिक व्यवस्था में बेटियों के प्रति रूढिवादी मानसिकता बदलना , पीसी और पीएनडीटी अधिनियम को सख्ती से लागू करना और बालिकाओं की शिक्षा को आगे बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है.

इसके तहत जीवन चक्र निरंतरता के आधार पर महिला सशक्तिकरण से जड़े मुद्दों पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाता है. यह कोई डीबीटी ( प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण ) योजना नहीं है.

यह एक अत्यंत गंभीर मसला है और अगर आपको किसी ऐसी घटना के बारे में जानकारी मिलती है तो कृपया इस बारे में निकटतम पुलिस स्टेशन और संबंधित जिला कलेक्टरजिला मजिस्ट्रेट को सूचित करें.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी करने वालों के जाल में न फंसने की सलाह दी है. मंत्रालय ने लोगों को यह भी सलाह दी है कि वे इस संबंध में अपने व्यक्तिगत विवरण को किसी से भी साझा न करें. इस बारे में मेरठ और मुजफ्फरनगर ( उत्तर प्रदेश ) के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पहले ही एफआईआर दाखिल की जा चुकी हैं. इस तरह का मसला लखनऊ में भी संज्ञान में आया है. उल्लेखनीय है कि इस तरह के फॉर्मों का वितरण पूरी तरह से अवैध है और ‘ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत कोई भी नकद प्रोत्साहन किसी भी रूप में जुड़ा हुआ नहीं है.

Posted By – Arbind kumar mishra

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