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EPFO: कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए ईपीएफओ में तकनीक के प्रयोग को दिया गया बढ़ावा

ईपीएफओ के 73वां स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने कहा कि यह संगठन देश के कर्मचारियों के भरोसे का प्रतिनिधित्व करता है. दक्षता, पारदर्शिता और सहानुभूति ईपीएफओ के परिवर्तन की प्रेरक ताकत बनी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर सुधार स्पष्ट और सरल शब्दों में कर्मचारियों तक पहुंचना चाहिए ताकि बदलाव का असर उनके जीवन में दिखे.

EPFO: देश में काम करने वाले लोगों की सामाजिक और वित्तीय कल्याण सुनिश्चित करने में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की अहम भूमिका है. ईपीएफओ केवल एक कोष नहीं बल्कि सामाजिक सुरक्षा को सशक्त बनाने का काम कर रहा है. ईपीएफओ के 73वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने कहा कि यह संगठन देश के कर्मचारियों के भरोसे का प्रतिनिधित्व करता है. दक्षता, पारदर्शिता और सहानुभूति ईपीएफओ के परिवर्तन की प्रेरक ताकत बनी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर सुधार स्पष्ट और सरल शब्दों में कर्मचारियों तक पहुंचना चाहिए ताकि बदलाव का असर उनके जीवन में दिखे.


ईपीएफओ को सेवा वितरण में निष्पक्षता, गति और संवेदनशीलता सुनिश्चित करके नागरिकों का विश्वास मजबूत करने का काम करते रहना चाहिए. विकसित भारत 2047 की ओर बढ़ते हुए सामाजिक सुरक्षा में वैश्विक मानक स्थापित करने में ईपीएफओ का अहम योगदान होगा. कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय श्रम एवं रोजगार सचिव वंदना गुरनानी, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) के सदस्य, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें. 

कर्मचारियों के हित में उठाया जा रहा कदम


केंद्रीय श्रम एवं रोजगार सचिव वंदना गुरनानी ने कहा कि ईपीएफओ के एक अनुपालन-आधारित निकाय से एक नागरिक-केंद्रित संस्था के रूप में विकसित करने का काम किया गया है. हर फाइल के पीछे एक समर्पित कर्मचारी, एक परिवार और एक सपना छिपा होता है. प्रत्येक कर्मचारी के साथ पूर्ण सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए, क्योंकि सामाजिक सुरक्षा केवल व्यवस्था से संबंधित नहीं है, बल्कि लोगों से जुड़ी होती है. प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के क्रियान्वयन में ईपीएफओ के भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस दूरदर्शी कार्यक्रम का मकसद 3.5 करोड़ नए रोजगारों को प्रोत्साहित करना और सभी क्षेत्रों में औपचारिक रोजगार का विस्तार करना है. 


केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति ने दक्षता, पारदर्शिता और सुधार के प्रति ईपीएफओ की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली, आधार और चेहरा प्रमाणीकरण और संशोधित ईसीआर प्रणाली जैसी पहलों के जरिये ईपीएफओ ने निर्बाध और तकनीक-संचालित सेवा वितरण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है. कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ईपीएफओ की यात्रा और उपलब्धियों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक ‘स्टेट प्रोफाइल 2025’ और ‘रीइमेजिनिंग गवर्नेंस’ का भी विमोचन किया और एक विशेष डाक टिकट का भी अनावरण किया गया. ईपीएफओ ने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) और डेटा साझा करने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया. 

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