Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली की हवा शुक्रवार को भी बेहद खराब बनी हुई है. दो महीने से अधिक समय से लगातार जारी प्रदूषण ने लोगों की तकलीफें और बढ़ा दी हैं. ग्रैप3 और ग्रैप4 जैसे सख्त उपायों के बावजूद हालात में सुधार नहीं हो रहा. आज फिर दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 489 दर्ज किया गया, जो ‘हैजर्डस’ यानी बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है. इस गंभीर प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह PM2.5 और PM10 के स्तर में कोई सुधार न होना है.
बुजुर्गों, बच्चों और मरीजों पर सबसे ज्यादा असर
जहरीली हवा का सबसे ज्यादा खामियाजा बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमाब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को उठाना पड़ रहा है. एक्सपर्ट्स ने लोगों को घर में रहने, एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल और ज़रूरत पड़ने पर ही बाहर निकलने की सलाह दी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से कई जगह तो हालात इससे भी ज्यादा गंभीर हैं.
लगातार प्रदूषित हवा में सांस लेना बन सकता है जानलेवा
विशेषज्ञों के अनुसार AQI के इस स्तर पर लगातार सांस लेने से सांस संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ सकती हैं. फेफड़ों की क्षमता कमजोर हो सकती है. हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में इज़ाफा हो सकता है. CPCB ने भी चेतावनी जारी की है और सलाह दी है कि N95 मास्क के बिना घर से बाहर न निकलें.
कब मिलेगी राहत?
सरकारी और संस्थागत उपाय अब तक राहत दिलाने में नाकाम रहे हैं. CPCB के अनुसार अगले कुछ दिनों में भी AQI 300 से 500 के बीच रहने का अनुमान है. इसके पीछे दो बड़ी वजहें हैं. हवा की बेहद धीमी रफ्तार, बारिश की पूरी तरह कमी.

