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21 दिन के बाद भी होगा ‘लॉकडाउन’, जानिए पीएम मोदी ने क्या दिया संकेत

कोरोना वायरस के खतरे के कारण देश में लागू किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को खत्म हो रही है. लोगों के मन में सवाल है कि क्या ये लॉकडाउन खत्म होगा या फिर कुछ दिन और चलेगा. ये सवाल इसलिए भी क्योंकि देश में कोराना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं.

कोरोना वायरस के खतरे के कारण देश में लागू किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को खत्म हो रही है. लोगों के मन में सवाल है कि क्या ये लॉकडाउन खत्म होगा या फिर कुछ दिन और चलेगा. ये सवाल इसलिए भी क्योंकि देश में कोराना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी ने भी गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वीडियो कान्फ्रेसिंग में कुछ इस तरह के संकेत दिए हैं. इस बैठक के बाद ही अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने दावा किया कि लॉकडाउन 15 अप्रैल को खत्म हो सकता है. लेकिन ट्वीट करने के कुछ देर बाद ही उन्होंने इसे हटा दिया और बाद में एक सफाई पेश की. उन्होंने ट्वीट किया था कि लॉकडाउन 15 अप्रैल को पूरा हो जाएगा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं होगा कि लोग सड़कों पर घूमने के लिए आजाद होंगे. सफाई वाले ट्वीट में पेमा खांडू ने लिखा, ‘लॉकडाउन के समय को लेकर किया गया पिछला ट्वीट एक ऑफिसर ने किया था, जिसकी हिंदी की समझ काफी लिमिटेड है. इसलिए ट्वीट को हटा दिया गया’.

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पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगले कुछ सप्ताह तक सारा ध्यान जांच करने, संक्रमित लोगों का पता लगाने, उन्हें घरों, पृथक केन्द्रों या अस्पतालों में पृथक रखने पर होना चाहिए. उन्होंने कहा, लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जनजीवन को धीरे-धीरे सामान्य बनाने के लिये साझी रणनीति तैयार करना महत्वपूर्ण है. देश में नौ दिन लॉकडाउन होने के बाद मुख्यमंत्रियों से मुखातिब पीएम मोदी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो लिमिटेड लॉकडाउन का भी सहारा लिया जा सकता है. लेकिन ये लिमिटेशन 14 अप्रैल के हालात पर निर्भर करेगा कि कोरोना संक्रमण का देश में क्या हाल है. किस राज्य के किस हिस्से में कितने लोग चपेट में हैं. इस बैठक में कई लोगों ने सुझाव दिया कि पूर्ण लॉकडाउन से बेहतर है उन क्षेत्रों की पहचान करना जहां कोरोना सबसे ज्यादा है. उन खास क्षेत्रों-इलाकों को ही ज्यादा सतर्कता के साथ लॉकडाउन किया जाना चाहिए. ताकि संक्रमण को पूरी तरह से रोका जा सके.

सरकारी सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में संक्रमित क्षेत्रों की पहचान हो गयी तो वहां रह रहे हजार-दो हजार लोगों को लॉकडाउन कर बाकी जगहों से पाबंदी हटा दी जाएगी. इसका एक फायदा ये होगा कि उस खास क्षेत्र में सरकार के सभी साधनों की उपलब्धता होगी. सरकारी मशीनरी फोकस हो कर वहां काम करेगी जिससे संकट जल्द ही खत्म होगा.

सूत्रों ने कहा कि सरकार इस योजना पर दिल्ली के तबलीगी जमात में हुए कार्यक्रम ने पानी फेर दिया है. बीते चार दिनों में देश के नौ राज्यों से 400 संक्रमण के ऐसे मामले आए हैं जो दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात में शामिल हुए थे. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने लॉकडाउन और ताजा हालात के बारी में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दो दीन सवाल है. पहला तो ये कि लॉकडाउन और कितना लंबा होना चाहिए. दूसरा ये कि पूरे देश में या संक्रमित क्षेत्र में लॉकडाउन हो. डा. गुलेरिया ने कहा कि ये सबकुछ निर्भर करता है 14 अप्रैल के हालात पर. हमें अभी नहीं पता कि उस दिन तक मामलों की संख्या कितनी होगी और किस क्षेत्र में होगी.

बता दें कि देश में 10 कोराना हॉटस्पाट चुना गया है जहां से कोरोना के मामले सबसे ज्यादा हैं. गौरतलब है कि इससे पहले भी लॉकडाउन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि ये 21 दिनों से आगे के लिए भी बढ़ सकता है, जिसके बाद सरकार की ओर से सफाई पेश की गई थी कि अभी तक ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है.

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