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Corona Epidemic : यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया : वैक्सीन की तरह इम्युनिटी पैदा करता है मास्क

मास्क पहनने के पीछे थ्योरी है- हवा में मौजूद कोरोना वायरस वाली सूक्ष्म बूंदों को फिल्टर करके रोकना. यानी सांस के साथ शरीर के भीतर वायरस की कम-से-कम मात्रा जाने देना.

Corona Epidemic : दो मशहूर चिकित्सा विज्ञानियों की राय है कि मास्क कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करने में ‘क्रूड वैक्सीन’ जैसी भूमिका निभा सकते हैं. मास्क पहनने के पीछे थ्योरी है- हवा में मौजूद कोरोना वायरस वाली सूक्ष्म बूंदों को फिल्टर करके रोकना. यानी सांस के साथ शरीर के भीतर वायरस की कम-से-कम मात्रा जाने देना. अगर वायरस कम मात्रा में जायेंगे तो संक्रमण नहीं होगा या फिर उतना तेज नहीं होगा जो ज्यादा लक्षण पैदा कर सके. इस थ्योरी के हिसाब से मास्क को भी काफी हद तक वैक्सीन की तरह काम करना चाहिए.

वैक्सीन में हमें बहुत हल्के ढंग से संक्रमित किया जाता है, ताकि शरीर का इम्यून रिस्पांस सक्रिय हो जाये. जब एक बार इम्यून रिस्पांस सक्रिय हो जाता है, तो यह तेज संक्रमण से भी हमें बचा लेता है. मास्क में भी हम तक इतने कम वायरस पहुंचते हैं कि वे हमें हल्का संक्रमित करते हैं और हमारे इम्यून रिस्पांस को सक्रिय कर देते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को के दो चिकित्सा विज्ञानियों डॉ मोनिका गांधी और डॉ जॉर्ज रदरफोर्ड ने इस संबंध में एक लेख ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में यह बातें लिखी हैं.

उन्होंने 1930 के दशक से जंतुओं पर हो रहे अध्ययनों की ओर इशारा किया जो ‘घातक खुराक’ की धारणा को पुष्ट करते हैं. यानी किसी को गंभीर रूप से बीमार बनाने के लिए वायरस कणों की कम-से-कम एक खास मात्रा की जरूरत होती है. उन्होंने हाल ही में हैमस्टर नामक जंतु पर किये गये अध्ययनों का हवाला दिया. अध्ययनों में पाया गया कि जिनको वायरस की ज्यादा खुराक दी गयी उनमें गंभीर संक्रमण हुआ.

डॉ गांधी और डॉ रदरफोर्ड इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि सभी का मास्क पहनना कोविड बीमारी की तीव्रता घटाने में मददगार हो सकता है. साथ ही संक्रमितों में से ज्यादा हिस्सा बिना लक्षण वाले संक्रमितों का हो सकता है. अगर बड़ी संख्या में लोग हल्के संक्रमण का शिकार होते हैं तो वैक्सीन की तरह ही सामूहिक इम्युनिटी पैदा हो सकती है.

महाराष्ट्र : सरकार ने तय की मास्क की कीमत

महाराष्ट्र सरकार ने एन-95, दो और तीन परतों वाले मास्क की कीमत पर सीमा लगा दी है. महाराष्ट्र में अब एन-95 मास्क 19-49 रुपये, दो और तीन परतों वाले मास्क तीन से चार रुपये में बेचे जाएंगे.

ऑक्सफोर्ड का टीका प्रत्येक मानदंड पर खरा : लंदन. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके का तीसरे चरण का परीक्षण जारी है और यह प्रत्येक अपेक्षित मानदंड पर खरा उतर रहा है. यह घातक कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक अच्छी खबर है. एक स्वतंत्र अध्ययन में यह बात कही गयी है.

इस टीके का विकास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कर रही है. ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी ने टीके की सटीकता के बारे में जानने के लिए हाल में विकसित तकनीकों का इस्तेमाल किया. शोध से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना वैक्सीन का नया विश्लेषण इस बारे में अधिक स्पष्टता उपलब्ध कराता है कि टीका किस तरह सफलतापूर्वक एक मजबूत प्रतिरक्षा अनुक्रिया शरीर में उत्पन्न करता है.

Posted by: Pritish Sahay

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