असम की सत्ता पर कांग्रेस की नजर है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले ही पार्टी ने बड़ी घोषणा की है. कांग्रेस ने असम में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसानों का कर्ज और महिलाओं द्वारा "माइक्रोफाइनेंस" संगठनों द्वारा लिया ऋण माफ करने का वादा किया. इसके साथ ही पार्टी ने सत्ता में आने पर न्यूनतम आय गारंटी योजना "न्याय" लागू करने, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को 120 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने तथा प्रत्येक परिवार में से काम से कम एक शख्स की नौकरी सुनिश्चित करने की घोषणा की है.
आपको बता दें कि असम में इस साल मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये घोषणाएं करने का काम किया. रिपुन बोरा ने कहा कि राज्य में किसानों की हालत खराब है. उत्पादन की लागत ज्यादा है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलने के कारण उन्हें अपनी उपज को नुकसान में बेचना पड़ता है.
बोरा ने कहा कि यदि कांग्रेस राज्य में सत्ता में आती है तो वह किसानों का कर्ज माफ करने का काम करेगी. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब की कांग्रेस सरकारों ने ऐसा ही किया गया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने भी किसानों का कर्ज माफ किया था. उन्होंने कहा कि गांवों में लोग, खासकर महिलाएं "माइक्रोफाइनेंस" संगठनों से कर्ज लेते हैं और उन्हें काफी उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. हाल में समाप्त हुए विधानसभा सत्र में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, खासकर महिलाओं, को "माइक्रोफाइनेंस" संस्थाओं और साहूकारों से बचाने के लिए सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया गया है.
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि महिला सशक्तीकरण पार्टी की प्राथमिकता है और जब हम सत्ता में आएंगे तो महिलाओं के सभी तरह के माइक्रो-फाइनेंस कर्ज माफ करेंगे. बोरा ने कहा कि कांग्रेस असम में न्यूनतम आय गांरटी योजना (न्याय) को लागू करेगी. लोकसभा चुनाव में पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया गया था.
Posted By : Amitabh Kumar