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अरविंद केजरीवाल सरकार ने एलजी को फिर भेजी डोर स्टेप डिलीवरी की फाइल

Doorstep Ration Delivery Scheme: अधिकारी ने कहा कि योजना की फाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजी गयी थी, लेकिन उन्होंने इसे मंजूरी देने से मना कर दिया था.

नयी दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी की फाइल फिर से उपराज्यपाल को भेजी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस योजना को लागू करने के पक्ष में 30 सितंबर को फैसला दिया था. इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने एलजी को फाइल भेजी है और उनसे आग्रह किया है कि इस योजना को अपनी मंजूरी दें. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

अधिकारी ने कहा कि योजना की फाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजी गयी थी, लेकिन उन्होंने इसे मंजूरी देने से मना कर दिया था. लेकिन, दिल्ली हाईकोर्ट ने लोगों के घर तक राशन पहुंचाने की योजना को लागू करने के पक्ष में फैसला दिया, उसके बाद फिर से इस फाइल को एलजी को भेजा गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि अगर कोई उपभोक्ता अपने घर पर राशन की डिलीवरी चाहता है, तो राशन दुकानदारों को इसकी सूचना देनी होगी. इसके बाद जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों को डोर स्टेप डिलीवरी का विकल्प चुनने वाले ग्राहकों के हिस्से के राशन का आवंटन बंद कर दिया जायेगा.

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अरविंद केजरीवाल की सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी को ‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना’ नाम दिया था. इस योजना को जनवितरण प्रणाली से जुड़े दुकानदारों के संघ दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ ने चुनौती दी थी. दिल्ली सरकार के वकील केवी विश्वनाथन ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने खाद्यान्न या आटा को घर-घर पहुंचाने की योजना को लागू किये जाने पर रोक नहीं लगायी है.

क्या है डोर स्टेप डिलीवरी योजना

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार चाहती है कि राशन कार्ड धारकों को उनके घर पर ही राशन उपलब्ध कराया जाये. जनवितरण प्रणाली के दुकानों में अगर खाद्यान्न की कमी नहीं है, तो अनाज सीधे लाभुक के घर पहुंचा दिया जायेगा. इसके लिए लोगों को इसका विकल्प चुनना होगा.

जून में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी फाइल एलजी अनिल बैजल को भेजी थी. दिल्ली सरकार ने एलजी को बताया था कि केंद्र की जो भी आपत्तियां थीं, उन्हें दूर कर लिया गया है. उन्होंने यह भी पूछा था कि योजना को क्यों रोका जा रहा है. अब तो हाईकोर्ट ने भी इसे मंजूरी दे दी है.

योजना से जुड़ा विवाद

अरविंद केजरीवाल की सरकार इस योजना को मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना (MMGGRY) के नाम से लागू करना चाहती थी, लेकिन 9 मार्च को केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत आवंटित खाद्यान्न का वितरण किसी और योजना के तहत नहीं किया जा सकता है. इस आपत्ति के बाद योजना को तत्काल रोकना पड़ा और अब नये नाम से इसे केजरीवाल की सरकार लागू करना चाहती है.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar Digital Desk
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