AAP: दिल्ली में इस महीने के अंत तक नगर निगम के अगले मेयर को लेकर फैसला होने की संभावना है. मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के महेश खिंची मेयर पद पर काबिज हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली नगर निगम में भी सत्ता का समीकरण पूरी तरह बदल गया है. संख्या के लिहाज से नगर निगम में भाजपा की ताकत बढ़ गयी है और अगर मेयर का चुनाव होता है तो भाजपा का ही मेयर बनने की संभावना अधिक हाे गयी है. मेयर चुनाव से पहले भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी जंग तेज हो गयी है. मौजूदा मेयर ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के आयुक्त मनमानी कर रहे हैं और नगर निगम एवं मेयर के फैसले को लागू नहीं कर रहे हैं. इसे लेकर मेयर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर नगर निगम के आयुक्त अश्विनी कुमार को हटाने की मांग की है.
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज और मेयर महेश खींची ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि नगर निगम द्वारा पारित बजट को आयुक्त पारित नहीं कर रहे हैं. चुनाव में हार के बाद नगर निगम ने 100 गज पर निर्मित प्लाट को संपत्ति कर के दायरे से मुक्त करने का आदेश पारित किया था. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि निगम के बजट में पास होने के बाद भी निगम आयुक्त फैसले को लागू नहीं कर रहे हैं. संपत्ति की पर निगम आयुक्त ने वेस्ट मैनेजमेंट यूजर चार्ज बढ़ा दिया. यही नहीं बिना मेयर की सलाह के कमर्शियल लाइसेंस फीस बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
भाजपा कर रही है मनमानी
मेयर महेश खिंची ने कहा कि नगर निगम ने बहुमत से संपत्ति कर को लेकर सदन में प्रस्ताव पारित किया था. दिल्ली की जनता पहले से करों के दबाव में है और दबाव कम करने की बजाय भाजपा सरकार यूजर चार्ज लगा रही है. चुनाव के दौरान भाजपा ने दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2500 देने का वादा किया था. इसके अलावा गरीबों को होली और दिवाली पर मुफ्त सिलेंडर देने सहित कई वादे किए थे. लेकिन सरकार बनने के बाद वादों को पूरा करने की बजाय आम लोगों को परेशान करने का काम किया जा रहा है.
इस मौके पर आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक सौरव भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार को दिल्ली के लोगों के परेशानी की जानकारी नहीं है. स्कूल फीस में बढ़ोत्तरी को लेकर अभिभावक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन भाजपा सरकार समस्या को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू करने पर भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को यह बताना चाहिए कि दिल्ली में कितने लोगों का इलाज इस योजना के तहत हुआ है.