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किसानों की खुदकुशी गंभीर मुद्दा, केंद्र असल वजहों पर काम करे : शीर्ष अदालत

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि देश में किसानों द्वारा आत्महत्या करना गंभीर मुद्दा है और केंद्र को उन असल वजहों से निपटना चाहिए जिनके कारण वे यह कदम उठाने को मजबूर होते हैं. प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने कहा कि केंद्र को […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि देश में किसानों द्वारा आत्महत्या करना गंभीर मुद्दा है और केंद्र को उन असल वजहों से निपटना चाहिए जिनके कारण वे यह कदम उठाने को मजबूर होते हैं. प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने कहा कि केंद्र को इस मुद्दे से निपटने के लिए प्रस्तावित प्रस्तावित नीति लानी चाहिए जिनके कारण किसान यह कदम उठाने को मजबूर होते हैं.

हम आपके साथ हैं. आप चार पांच उन असल मुद्दों को एकसाथ लाएं जो किसानों से संबंधित हों और इन पर गौर करने का प्रयास करें।” अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पीएस नरसिंह ने कहा कि सरकार एक विस्तृत नीति लेकर आएगी जिसमें वह किसानों से जुडे सभी मुद्दों से निपटेगी.
उन्होंने कहा कि अब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे किसानों से खाद्यान्न खरीद रही है और उन्हें बिचौलिये या बाजार की मदद की जरुरत नहीं है. एएसजी ने कहा कि फसल में नुकसान या फसल बर्बाद होने पर सरकार मुआवजा दे रही है और इस उद्देश्य से नई व्यवस्था अपनाई जा रही है.
उन्होंने कहा, किसानों के लिए बीमा कवर बढाया गया है. इससे पहले यह उनके लिए था जो कृषि ऋण लेते थे लेकिन अब यह सभी किसानों के लिए है.” एनजीओ ‘सिटिजन्स रिसोर्स एंड एक्शन एंड इनीशिएटिव’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसाल्वेज ने कहा कि बीते कुछ वर्ष में तीन हजार से अधिक किसानों ने खुदकुशी की है और प्रस्तावित नीति में उन सभी असल मुद्दों से निपटा जाना चाहिए जो उन्हें प्रभावित करते हैं.

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