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जम्मू-कश्‍मीर : सुरंग के जरिये घुसे थे आतंकवादी! सीमा पर सुरंग…

नयी दिल्ली : क्या सांबा सेक्टर में मंगलवार को मारे गये तीन आतंकी सुरंग के जरिये पाक से भारत में आये थे? बुधवार सुबह अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास खेत में 80 मीटर लंबी एक सुरंग मिली है. बीएसएफ जांच में जुटी है कि कहीं ये आतंकी रामगढ़ सेक्टर के चमलियाल इलाके में बनी इस सुरंग […]

नयी दिल्ली : क्या सांबा सेक्टर में मंगलवार को मारे गये तीन आतंकी सुरंग के जरिये पाक से भारत में आये थे? बुधवार सुबह अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास खेत में 80 मीटर लंबी एक सुरंग मिली है. बीएसएफ जांच में जुटी है कि कहीं ये आतंकी रामगढ़ सेक्टर के चमलियाल इलाके में बनी इस सुरंग से तो भारतीय सीमा में नहीं आये थे? बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि बुधवार की सुबह इस सुरंग का पता चला है. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 75 से 80 मीटर दूर है.

इस बात की जांच हो रही है कि क्या आतंकी इसी रास्ते आये थे. पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा का मुआयना कर देखा जा रहा है कि कहीं ऐसी और भी सुरंगें तो नहीं बनी हुई हैं. उन्होंने कहा, हमारे पास ऐसी कोई तकनीक नहीं है, ताकि यह पता लगा सके कि और भी सुरंगें हैं या नहीं. लेकिन, हम खेतों में खुदाई कर सुरंग के बारे में पता लगा रहे हैं. बीएसएफ ने गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सोमवार की रात गश्त के दौरान लेजर के जरिये कुछ घुसपैठिये भारत की सीमा में आते दिखे थे. लेकिन अंधेरे में कार्रवाई नहीं की गयी.

जम्मू में चलती ट्रेन को उड़ाना चाहते थे
तीनों हथियारबंद आतंकियों के पास से मिले दस्तावेज और हथियारों से उनके खतरनाक मंसूबों का पता चला है. वे चलती ट्रेन में ब्लास्ट या पठानकोट जैसे हमले को अंजाम देना चाहते थे. उनका इरादा ट्रेन या आर्मी कैंप पर इस तरह के केमिकल फेंकने का था, ताकि वह पूरी तरह जल जाये. इस संदेह के पुख्ता होने की वजह यह है कि आतंकियों के पास से बड़े हथियार और गोला बारूद के साथ ही तरल विस्फोटक ‘ट्राइनाइट्रोग्लिसरीन’ की पांच बोतलें मिली हैं. साथ ही चेन्ड आइइजी, सुसाइड बेल्ट और विस्फोटकों से भरे हुए सुसाइड बैग भी मिले हैं. बीएसएफ के अतिरिक्त व विशेष महानिदेशक (पश्चिमी कमान) अरुण कुमार ने बताया कि आतंकियों का मकसद तो रेल की पटरियों और ट्रेनों को धमाके से उड़ाना था.
अफजल गुरु की फांसी के विरोध में किया हमला!
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में स्थित सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकी हमले को अंजाम देनेवाले तीनों आतंकियों के पास से खतरनाक रसायन समेत भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार बरामद हुए हैं. ऐसे रसायन उड़ी हमले में शामिल आतंकियों के पास से भी मिले थे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या आतंकी खतरनाक रसायन से हमला करनेवाले थे. सर्च अभियान के दौरान आतंकियों के पास से मिले दस्तावेज से पता चलता है कि उनके संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है. यही नहीं, आतंकियों के पास उर्दू में लिखे कुछ परचे भी मिले हैं, जिस पर लिखा है, ‘अफजल गुरु शहीद के इंतकाम की एक किस्त… गजवा-ए-हिंद के फिदायीन. मारे गये तीनों आतंकियों के पास से कुछ भारत में बने सामान भी बरामद हुए हैं, जिससे स्पष्ट है कि आतंकियों को स्थनीय लोगों से मदद मिली है. इस संबंध में खुफिया एजेंसियां जानकारी जुटा रही है. आतंकियों ने पुलिस की जो ड्रेस पहनी हुई थी, उन्हें भी बॉर्डर इलाके पर सिल कर तैयार किया गया था. इससे पता चलता है कि ये आतंकवादी बहुत पहले घुसपैठ के जरिये जम्मू-कश्मीर में आये थे. और तब से यहीं रह रहे थे. सूत्रों का कहना है कि आतंकियों ने करीब छह दिन में हमले की योजना बनायी थी.
सेना प्रमुख ने किया दौरा, तलाशी जारी
जम्मू: सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने बुधवार को नगरोटा स्थित 16वें कोर मुख्यालय का दौरा किया और उन्हें मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बारे में जानकारी दी गयी, जिसमें दो अधिकारियों सहित सात सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे, जबकि आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सघन अभियान जारी है. सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था और इलाके में तलाशी अभियान समाप्त होनेवाला है.
सीमा पार से मिल रहे थे निर्देश
सुरक्षा एजेंसियों की जांच में खुलासा हुआ है कि आतंकियों को सीमा पार से लगातार निर्देश मिल रहे थे. सुरक्षा एजेंसियों ने पांच फोन कॉल्स ट्रेस की हैं. इनमें पाकिस्तान मे मौजूद हैंडलर्स आतंकियों से हमले के लिए तैयार रहने को कह रहे हैं और वारदात को अंजाम देने की योजना बता रहे हैं.
एंट्री गेट पर नहीं थे जवान!
सूत्रों के अनुसार, नगरोटा सैन्य इकाई के ऑफिसर्स मेस के एंट्री गेट पर कोई भी सशस्त्र जवान तैनात नहीं था. इस हमले की जांच में लगी सुरक्षा एजेंसियों ने साइट का एक स्केच तैयार किया है. इसमें जम्मू-श्रीनगर हाइवे से सैन्य इकाई तक के संभावित रूट को लेकर जांच पर फोकस किया जा रहा है.
पाक व बांग्लादेश से लगी सीमा पर 2017 तक स्मार्ट बाड़ : शर्मा
बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी देश की सीमा पर बहुस्तरीय स्मार्ट बाड़ लगाने का काम अगले साल के आखिरी हिस्से में संपन्न हो जायेगा. इसके बाद ये दोनों संवेदनशील सीमाएं जवानों के निरंतर गश्त लगाने की व्यवस्था से मुक्त हो जायेंगी. शर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद से बीएसएफ ‘एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली’ (सीआइबीएमएस) को क्रियान्वित कराने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हम सीमा पर बाड़ को आधुनिक बनाने के लिए कुछ ठोस प्रयास कर रहे हैं. 20 बड़ी कंपनियां मौजूदा समय में सीआइबीएमएस का तकनीकी आकलन कर रही हैं. यह व्यवस्था अगले साल जमीन पर दिखेगी.

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