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रेप पीड़िता की पहचान बताने पर स्वाति मालीवाल बोलीं – ”मैंने निर्भया के लिए लाठी खायी है”

नयी दिल्ली : दुष्कर्म पीड़िता का नाम व पहचान उजागर करने के मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल फंस चुकीं हैं. मामले में उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है. वहीं मालीवाल अपने इस कृत्य को जायज ठहरा रही हैं. स्वाति मालीवाल ने अपने ट्विटर वॉल पर दिल्ली पुलिस पर […]

नयी दिल्ली : दुष्कर्म पीड़िता का नाम व पहचान उजागर करने के मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल फंस चुकीं हैं. मामले में उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है. वहीं मालीवाल अपने इस कृत्य को जायज ठहरा रही हैं. स्वाति मालीवाल ने अपने ट्विटर वॉल पर दिल्ली पुलिस पर बेबुनियाद एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है. स्वाति का कहना है कि उन्होंने पीड़िता का नाम उजागर नहीं किया है. स्वाति ने ट्वीट किया कि , ‘मैं और मुद्दे भविष्य में उठाऊंगी. मैंने निर्भया के लिए लाठी खाई है, मेरा हर पल और कोई निर्भया न हो ये सुनिश्चित करने में लगता है.

आपको बता दें कि पुलिस के भेजे नोटिस में 14 वर्षीय दलित लडकी की पहचान कथित तौर पर उजागर करने पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बलात्कार पीडित किशोरी को तेजाब पीने को मजबूर किया गया था और उसकी तीन दिन पहले मौत हो गई थी. इस मामले में बुराडी थाने के प्रभारी को महिला आयोग के नोटिस में लडकी का नाम उजागर करने पर स्वाति पर मामला दर्ज किया गया.

थाना प्रभारी की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई. स्वाति ने बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर पुलिस की कडी आलोचना की थी. पीडित का कथित रुप से अपहरण करके उसका बलात्कार किया गया था और उसे तेजाब पीने के लिए विवश किया गया था. लडकी ने एक महीने तक मौत से लडने के बाद रविवार को दम तोड दिया था. पीडिता का सबसे पहले दिसंबर में यौन उत्पीडन किया गया. पहले मामले में जमानत पर रिहा आरोपी शिवशंकर ने मई में फिर से किशोरी का कथित रुप से अपहरण करके उसे यातनाएं दीं और उसका बलात्कार किया.

पीडिता के माता पिता अस्पताल में सफाई कर्मी हैं. स्वाति ने आरोप खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पीडिता के नाम का खुलासा नहीं किया और वह प्राथमिकी से नहीं डरतीं. उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘‘डीसीडब्ल्यू ने 14 साल की लडकी के मामले में भूमिका के लिए पीएस बुराडी को नोटिस जारी किया. दो दिन बाद दिल्ली पुलिस ने मेरे खिलाफ बेबुनियाद प्राथमिकी दर्ज की. क्या यह बदला है?’

स्वाति ने कहा कि उनकी गलती यह है कि उन्होंने 14 साल की लडकी की रक्षा करने में दिल्ली पुलिस की नाकामी पर सवाल उठाए हैं. वह और विषय उठाएंगी. वह प्राथमिकी से नहीं डरतीं. जय हिन्द. उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह कि पीडित का नाम उजागर नहीं किया. बल्कि निजी अस्पताल में उचित इलाज सुनिश्चित किया. पुलिस ने डीसीडब्ल्यू के नोटिस के बाद ही आरोपी को पकडा. स्वाति ने कहा कि बलात्कार पीडित को अपनी पहचान क्यों छिपानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘क्या बलात्कारियों को नहीं छिपाया जाना चाहिए? क्या यह पीडित के लिए शर्म की बात है कि उसके साथ क्रूरता हुई.’ डीसीडब्ल्यू ने 22 जुलाई को पुलिस को नोटिस जारी करके पूछा था कि अदालत में सुनवाई से ठीक पहले पीडित का अपहरण और बलात्कार कैसे हुआ. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बुराडी बलात्कार पीडिता का नाम उजागर करने के लिए मालीवाल के खिलाफ भादंसं की धारा 228 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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