नयी दिल्ली : डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग कर रहे कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण आज लगातार दूसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई और दो बार के स्थगन के बाद बैठक को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
अरुण जेटली 2013 तक दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन .(डीडीसीए) के प्रमुख थे. सुबह उच्च सदन की बैठक शुरु होने पर जरुरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए गये. इसके बाद कांग्रेस सदस्य कुमारी शैलजा ने डीडीसीए से जुड़ा मुद्दा उठाने का प्रयास किया. उपसभापति पी जे कुरियन ने उन्हें यह मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी और कहा कि वह उन्हें यह मुद्दा उठाने से रोक नहीं रहे हैं लेकिन आरोप लगाने के लिए एक प्रक्रिया है और क्या उन्होंने इसका पालन किया है. कुरियन ने कहा कि आरोप लगाने के लिए पहले सभापति और संबंधित सदस्य को लिखित में सूचना देनी होती है.
इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे. इसके विरोध में भाजपा के कुछ सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े थे. लोस में शोर शराबे पर अध्यक्ष ने कहा, इनका राष्ट्रीय हित नहीं, निहित स्वार्थ है. डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों ने आज दूसरे दिन भी हंगामा किया. बीजद सदस्य बैजयंत पांडा द्वारा सदस्यों के शोर शराबा के विषय को उठाने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि इनका कोई राष्ट्रीय हित नहीं है, निहित स्वार्थ है.
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के कुछ सदस्यों के कार्यस्थगल के नोटिस को अस्वीकार कर दिया और उनसे अन्य अवसरों पर इन्हें उठाने को कहा. इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. वे ‘जेटली इस्तीफा दो’, तानाशही नहीं चलेगी’, कीर्ति आजाद के सवालों के जवाब दो’ के नारे लगा रहे थे. शोर शराबे के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही चली. इस दौरान तटीय सुरक्षा के विषय पर पूरक प्रश्न पूछने के दौरान बीजद के बैजयंत पांडा ने कहा कि अध्यक्ष महोदया, तटीय सुरक्षा से जुड़ा राष्ट्रीय हित से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल पूछ रहा हूं.
शोर शराबे के कारण कठिनाई आ रही है, मुझे (शोर कर रहे) सदस्य सवाल पूछने दें. इस पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ इनका कोई राष्ट्रीय हित नहीं है, निहित स्वार्थ है, आप प्रश्न पूछें। ‘ इससे पहले वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जुडे प्रश्न के दौरान भी अध्यक्ष ने शोर शराबा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे ‘सदन के पर्यावारण’ को खराब न करें. कांग्रेस सदस्यों के हंगामे से एक समय अध्यक्ष इतनी क्षुब्ध हो गई कि उन्होंने अधिकारियों से शोर शराबा कर रहे सदस्यों के नाम नोट करने को कहा.