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तमिलनाडू में बाढ़ : PM मोदी ने जारी की 940 करोड़ रुपये की मदद, जयललिता ने मांगे 8,481 करोड़

नयी दिल्ली : तमिलनाडु में भारी बारिश के कारण पैदा हुई बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेसोमवार को लगभग 940 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद तत्काल जारी करने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री की ओर से यह निर्देश आने से कुछ ही घंटे पहले मुख्यमंत्री जे जयललिता ने उन्हें पत्र लिखकर […]

नयी दिल्ली : तमिलनाडु में भारी बारिश के कारण पैदा हुई बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेसोमवार को लगभग 940 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद तत्काल जारी करने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री की ओर से यह निर्देश आने से कुछ ही घंटे पहले मुख्यमंत्री जे जयललिता ने उन्हें पत्र लिखकर राहत कार्य के लिए धन की मांग की थी.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु को तत्काल 939.63 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद जारी करने के निर्देश दिए हैं ताकि बाढ़ के कारण पैदा हो रही स्थिति से निपटने में उसकी मदद हो सके. विज्ञप्ति में कहा गया कि केंद्र की ओर से एक दल भी तमिलनाडु भेजा जा रहा है, जो वहां हुए नुकसान का आकलन करेगा. इस दल द्वारा रिपोर्ट जमा कराये जाने के बाद आगे कदम उठाया जाएगा. यह मदद राज्य सरकार की ओर से किये गये अनुरोध के बाद जारी की गयी.

इससे पहले तमिलनाडु में उत्तर पूर्वी मानसून के कहर से हुई तबाही के बाद राज्य सरकार नेसोमवार को इस नुकसान को 8,481 करोड़ रुपये का बताया जबकि मुख्यमंत्री जे जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राहत कार्य के लिए तत्काल 2,000 रुपये जारी करने का आग्रह किया. प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में जयललिता ने कहा है कि एक अक्तूबर 2015 से बारिश संबंधी विभिन्न घटनाओं में 169 लोगों की जान जा चुकी है.

नुकसान का ब्योरा देते हुए जयललिता ने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी सरकार के एहतियाती प्रयासों के बावजूद राज्य में भीषण और लगातार बारिश की वजह से बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. जयललिता ने कहा कि उनकी सरकार ने राहत कार्य के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि नुकसान का आकलन, तत्काल राहत के लिए कोषों की जरुरत और अवसंरचना की बहाली का कार्य तेजी से किया गया जिससे संकेत मिलता है कि वित्तीय आवश्यकता कितनी ज्यादा है.

पत्र में उन्होंने कहा है कि तत्काल बचाव एवं राहत के लिए तथा अवसंरचना की अस्थायी एवं स्थायी बहाली के लिए 8,481 करोड़ रुपये की जरुरत है. उन्होंने कहा कि यह आकलन तात्कालिक कदम के तौर पर किया गया क्योंकि तमिलनाडु सरकार को इस भीषण प्राकृतिक आपदा की वजह से उत्पन्न जरुरत को पूरा करने के लिए भारत सरकार से सहायता की आवश्यकता है.

राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष सहित राज्य के पास उपलब्ध संसाधनों के अलावा कोष की जरुरत है. मुख्यमंत्री ने मोदी से बाढ प्रभावितों की मदद तथा अवसंरचनाओं तो बहाल करने की जरुरत को देखते हुए नुकसान का आकलन करने के लिए तथा तत्काल केंद्रीय वित्तीय सहायता जारी करने के लिए एक केंद्रीय दल तत्काल नियुक्त करने का अनुरोध किया.

जयललिता ने कहा है कि इस बीच, मैं अनुरोध करती हूं कि 2,000 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी जाए ताकि राज्य सरकार राहत एवं बहाली अभियान को इसी भावना के साथ जारी रख सके. उन्होंंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र जब पूरी प्रचंडता के साथ तमिलनाडु के तट पर 10 नवंबर 2015 को मरक्कनम के पास पहुंचा तो वहां, और खास तौर पर चार दक्षिणी तटीय जिलों – कुड्डलोर, कांचीपुरम, चेन्नई और तिरुवल्लूर में भीषण बारिश हुई.

जयललिता ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमानों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी द्वारा सतर्क किये जाने के आधार पर पर्याप्त एहतियाती कदम उठाए गये जिनकी वजह से जान माल का नुकसान कम हुआ. उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों में राज्य स्तर की एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया था. मुख्यमंत्री के अनुसार, मंत्रियों और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के उच्च स्तरीय दलों को एहतियाती, राहत एवं बचाव अभियानों की निगरानी के लिए विभिन्न जिलों में तैनात किया गया था. राजस्व, पुलिस, दमकल और लोकनिर्माण सहित विभिन्न विभागों के कर्मी पूरी तरह सक्रिय थे.

मोदी को उन्होंने बताया कि इनके अलावा, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक की सेवाएं जरुरत के अनुसार ली गयीं. इन बलों को शीघ्र भेजने के लिए मैं आपकी आभारी हूं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद बारिश बहुत भीषण थी और कई दिनों तक होती रही जिससे गहरा विनाश हुआ.

उदाहरण देते हुए जयललिता ने बताया कि नेवेली :कुड्डलोर जिला: में नौ नवंबर को 437 मिमी बारिश हुई. इसी तरह चेन्नई में नवंबर के शुरुआती 20 दिन में बीते 100 साल से अधिक समय में दूसरी बार इतनी भारी बारिश हुई. बारिश कई दिनों तक हुई क्योंकि कम दबाव के इस क्षेत्र के बाद एक अन्य कम दबाव का तंत्र आया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई भाग बाढ के कारण बेहद प्रभावित हुए हैं. उत्तर पूर्वी मानसून के कारण एक अक्तूबर से इस माह 169 लोगों की जान जा चुकी है और फसलों तथा अन्य संपत्तियों को गहरा नुकसान हुआ है.

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