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जमानत के मानदंडों पर स्पष्टता के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है सरकार
नयी दिल्ली: सरकार आरोपियों को राहत देने के लिए स्पष्ट शतेंर् तय करने के लिहाज से एक व्यापक जमानत अधिनियम पर विचार कर रही है ताकि यह अदालतों के विशेषाधिकार पर निर्भर नहीं रहे.जमानत देने के लिए वैधानिक मानदंड सुझाते हुए विधि सचिव को एक आंतरिक नोट में कानून मंत्री डी वी सदानंद गौडा ने […]
नयी दिल्ली: सरकार आरोपियों को राहत देने के लिए स्पष्ट शतेंर् तय करने के लिहाज से एक व्यापक जमानत अधिनियम पर विचार कर रही है ताकि यह अदालतों के विशेषाधिकार पर निर्भर नहीं रहे.जमानत देने के लिए वैधानिक मानदंड सुझाते हुए विधि सचिव को एक आंतरिक नोट में कानून मंत्री डी वी सदानंद गौडा ने कहा, ‘‘जमानत देने से जुडे मामलों के निपटनों के तरीकों को लेकर सबकुछ ठीक नहीं है.” उन्होंने कहा कि साधन संपन्न लोगों को जमानत मिल जाती है, वहीं गरीब जेलों में पडे रहते हैं. गौडा ने जमानत प्रणाली में बडे बदलाव के तहत एक अलग जमानत कानून की जरुरत का अध्ययन करने का सुझाव दिया.विधि सचिव पी के मल्होत्रा ने मामला विधि आयोग को भेजकर उससे छह महीने में रिपोर्ट जमा करने को कहा है.विधि आयोग सरकार को जटिल कानूनी मुद्दों पर सलाह देता है.
गौडा ने कहा कि न्यायपालिका जमानत देने से जुडे मामलों से निपटने के लिए एक बहुत व्यापक प्रक्रिया अपनाती है, ‘‘फिर भी इस व्यवस्था ने लोगों में यह धारणा पैदा कर दी है कि जमानत देना या नहीं देना बहुत अप्रत्याशित है.” उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में जमानत देने की प्रणाली को लेकर असंतोष बढ रहा है.” मंत्री ने कहा कि जमानत देना एक समान और तर्कसंगत प्रावधान है लेकिन व्यावहारिक तौर पर यह ऐसा साबित नहीं होता.
यह कदम अभिनेता सलमान खान को जमानत दिये जाने से खडे हुए विवाद के बाद आ रहा है. बंबई उच्च न्यायालय ने 2002 के हिट एंड रन मामले में बीते मई माह में सलमान की पांच साल की सजा को निलंबित कर दिया था और उन्हें दोषी करार दिये जाने के खिलाफ उनकी अपील लंबित रहने के बीच में उन्हें जमानत दे दी थी.
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