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सरकार ने कहा, मैगी पर कायम है 640 करोड़ का दावा, मैगी ने कहा, कोर्ट में करेंगे बचाव

नयी दिल्ली: बंबई उच्च न्यायालय द्वारा मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध के आदेश को रद्द किए जाने के बावजूद सरकार नेस्ले इंडिया पर किए गए 640 करोड रुपये के मुआवजे के दावे पर कायम रहेगी.केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि नेस्ले पर गुमराह करने वाले विज्ञापन और अनुचित व्यापार के […]

नयी दिल्ली: बंबई उच्च न्यायालय द्वारा मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध के आदेश को रद्द किए जाने के बावजूद सरकार नेस्ले इंडिया पर किए गए 640 करोड रुपये के मुआवजे के दावे पर कायम रहेगी.केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि नेस्ले पर गुमराह करने वाले विज्ञापन और अनुचित व्यापार के लिए दायर किए गए 640 करोड रुपये के सुइट (समूह में मुकदमे) पर इससे कोई असर नहीं पडेगा. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह कंपनी को राहत देते हुए मैगी के नौ संस्करणों पर देश भर में लगाए गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया था और कंपनी को इस उत्पाद का नए सिरे से परीक्षण कराने का निर्देश दिया था.

उपभोक्ताओं की ओर से खाद्य एवं खाद्य मामलों के मंत्रालय ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में पिछले सप्ताह समूह मुकदमा या क्लास एक्शन सुइट दायर किया था.तीन दशक पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत यह मुकदमा दायर किया गया था.
पासवान ने कहा कि एनसीडीआरसी में जो मामला दायर किया गया है उच्च न्यायालय के आदेश से उसका आधार नहीं बदलता है. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी याचिका वापस नहीं लेगी.इसमें सरकार ने कंपनी से 640 करोड रपये का मुआवजा मांगा है. इस पर कल सुनवाई होने की उम्मीद है.
सरकार के दावे का बचाव कर लेंगे
कंपनी के एक प्रवक्ता ने ई-मेल से इस बारे में दिए जवाब में कहा, ‘‘जब हमें बुलाया जाएगा, हमें उम्मीद है कि अपना बचाव कर पाएंगे.’’ प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सरकार द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में शिकायत दायर करने के अप्रत्याशित कदम से निराश है.
यह पूछे जाने पर कि क्या नेस्ले इंडिया का सरकार के खिलाफ जवाबी सुइट (समूह मुकदमा) दायर करने का इरादा है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जब हमें औपचारिक ब्योरा मिलेगा हम इस मुद्दे का अध्ययन करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों के अनुसार सरकार द्वारा दायर लगाए गए आरोप उसी तरह के हैं जो 5 जून, 2015 को मैगी पर प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान लगाए गए थे.इन मुद्दे पर बंबई उच्च न्यायालय का आदेश आना है.बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह खाद्य नियामकों द्वारा मैगी के नौ संस्करणों पर लगे प्रतिबंध को हटाते हुए कंपनी को इसके नमूनों का नए सिरे से परीक्षण कराने का निर्देश दिया था.

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