नयी दिल्ली: धार्मिक असहिष्णुता को भडकाने के लिए आतंकी समूहों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल किए जाने की पृष्ठभूमि में सरकार ने ऐसे कम से कम 40 वेबपेज ब्लॉक (अवरुद्ध) करने के आदेश दिए हैं, जिनपर अल्पसंख्यक समुदाय से जुडी भडकाउ सामग्री डाली गई है. ब्लॉक करने के लिए चुने गए इन वेबपेज में सोशल मीडिया के पोस्ट और वीडियो साझा करने वाले चर्चित मंच भी शामिल हैं.
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सरकार ने दिए धार्मिक असहिष्णुता भड़काने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक करने के आदेश
नयी दिल्ली: धार्मिक असहिष्णुता को भडकाने के लिए आतंकी समूहों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल किए जाने की पृष्ठभूमि में सरकार ने ऐसे कम से कम 40 वेबपेज ब्लॉक (अवरुद्ध) करने के आदेश दिए हैं, जिनपर अल्पसंख्यक समुदाय से जुडी भडकाउ सामग्री डाली गई है. ब्लॉक करने के लिए चुने गए इन वेबपेज में सोशल मीडिया […]
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (जनता की सूचना तक पहुंच को रोकने के लिए प्रक्रिया और उपाय) नियम 2009 के तहत कुछ वीडियो ब्लॉक करने के आदेश जारी किए हैं. ये वीडियो अल्पसंख्यक समुदाय को भडका सकते हैं.’’ ऑनलाइन वीडियो ब्लॉक करने का आदेश 29 जून को जारी किया गया। यह आदेश इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को जारी किया गया। उन्होंने इनमें से अधिकतर पोस्ट ब्लॉक कर दिए हैं. बहरहाल, इनमें से कुछ तक अब भी पहुंचा जा सकता है. इंटरनेट सेवा प्रदाताओं का दावा है कि इन्हें पूरी तरह ब्लॉक नहीं किया जा सकता क्योंकि इन्हें एक ‘सुरक्षित इंटरनेट प्रोटोकॉल’ के माध्यम से पोस्ट किया गया है.
इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘हम सभी वीडियो और वेबसाइटों को ब्लॉक नहीं कर सकते क्योंकि ये एचटीटीपीएस :सुरक्षित: वेबसाइट पर हैं. दूरसंचार विभाग इससे जुडे तकनीकी मुद्दों से अच्छी तरह से वाकिफ है.’’ दूरसंचार विभाग ने एक अन्य आदेश आठ जुलाई को जारी किया था। इसमें उसने सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिए थे कि वे ऐसे सभी सोशल मीडिया अकाउंट और पोस्ट और वीडियो साझा करने वाले चर्चित मंचों पर डाले गए वीडियो को ब्लॉक करे, जिनकी सामग्री पडोसी देश म्यांमा के एक समुदाय विशेष को भडकाने वाली है.
दिसंबर में भी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं को लेकर 32 वेबसाइट ब्लॉक करने का आदेश दिया था। इन पर कथित तौर पर आईएसआईएस जैसे आतंकी समूहों द्वारा भारत-विरोधी सामग्री डाली गई थी. जिन वेबसाइटों पर कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है, उनमें वीडियो साझा करने वाले कुछ चर्चित मंच भी शामिल हैं. इनमें से कुछ को आपत्तिजनक सामग्री हटाने के बाद संचालन की अनुमति दे दी गई है.
इन वेबसाइटों पर एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए एक कथित आईएसआईएस सदस्य के बारे में और अन्य आतंकी समूहों से जुडे तीन अन्य संदिग्धों के बारे में जानकारी है. सूत्रों ने कहा कि वेबसाइटों का इस्तेमाल भारतीय युवाओं को आईएसआईएस से जुडने का प्रलोभन देने के लिए किया जा रहा है. इसके साथ ही इनका इस्तेमाल अफगानिस्तान और इराक में गठबंधन बलों से लडते हुए कछ लोगों की कथित मौत की खबर फैलाने के लिए भी किया जा रहा है.
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