नयी दिल्ली: सरकार दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 की समीक्षा कर रही है, जिससे क्रियान्वयन के मुद्दों को सुलझाया जा सके और इसे उपभोक्ता तथा उद्योग दोनों के लिए अधिक दक्ष बनाया जा सके.
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दवा मूल्य नियंत्रण आदेश की समीक्षा कर रही है सरकार
नयी दिल्ली: सरकार दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 की समीक्षा कर रही है, जिससे क्रियान्वयन के मुद्दों को सुलझाया जा सके और इसे उपभोक्ता तथा उद्योग दोनों के लिए अधिक दक्ष बनाया जा सके. सूत्रों ने कहा, ‘‘हम विचार विमर्श कर रहे हैं. हम विचार विमर्श करेंगे कि क्या आदेश में कोई विसंगति है और […]
सूत्रों ने कहा, ‘‘हम विचार विमर्श कर रहे हैं. हम विचार विमर्श करेंगे कि क्या आदेश में कोई विसंगति है और उसी के साथ हम नियमनों को अधिक स्पष्ट बनाना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि इसके पीछे विचार मूल्य नियंत्रण आदेश को आसानी से क्रियान्वयन योग्य बनाना है. सूत्रों ने कहा कि सरकार ने डीपीसीओ पर सभी अंशधारकों से राय मांगी है. इसमें उद्योग और समाज शामिल है.
इस बीच, फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा गठित कार्यबल ने भी डीपीसीओ, 2013 की समीक्षा की सिफारिश की है. दवा निरीक्षकों की कमी का उल्लेख करते हुए कार्यबल ने प्रति 50 विनिर्माण इकाइयों पर एक दवा निरीक्षक व प्रति 200 बिक्री वितरण आउटलेट्स पर एक निरीक्षक की सिफारिश की है. डीपीसीओ, 2013 के तहत राष्ट्रीय फार्मा मूल्य प्राधिकरण :एनपीपीए: ने अनुसूचि एक की आवश्यक दवाओं के मूल्य की सीमा तय की है. अभी तक प्राधिकरण ने सूची में से 530 फामरूलेशंस के लिए मूल्य सीमा तय की है.
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