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क्या आवाम के जरिये रची गयी थी साजिश, केजरीवाल ने कहा पार्टी के कलह से दुखी हूं

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी का अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी में आंतरिक राजनीति आप की टूट का कारण बनती नजर आ रही है. पार्टी एक बार फिर अपने पहले के बयानों से पलटती नजर आ रही है. आम आदमी पार्टी को मिले चंदे को लेकर इस बार नया […]

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी का अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी में आंतरिक राजनीति आप की टूट का कारण बनती नजर आ रही है. पार्टी एक बार फिर अपने पहले के बयानों से पलटती नजर आ रही है. आम आदमी पार्टी को मिले चंदे को लेकर इस बार नया खुलासा हुआ है. चंदे के विवाद के पीछे विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी भाजपा का हाथ बताया था लेकिन अब वह इसके पीछे अपने ही पार्टी के नेता प्रशांत भूषण का हाथ बता रहे हैं.एबीपी न्यूज में चल रही खबर की माने तो दिलीप पांडे ने इस बात का खुलासा किया है.इस संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को चिट्ठी लिखकर प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की शिकायत की है.

इस बीच,आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पूरे मामले पर ट्विटर के जरिये अपना पक्ष रखा है. उन्होंने लिखा है कि पार्टी के अंदर जो कुछ चल रहा है, उससे मैं काफी दुखी हूं. यह विवाद जनता के उस भरोसे को तोड़ने वाला है, जो उन्होंने हम पर व्यक्त किया. केजरीवाल ने लिखा है कि मैं पार्टी के अंदर जारी बेतुके विवाद को खारिज करता हूं. मैं सिर्फ दिल्ली के शासन पर ध्यान दे रहा हूं, जनता के भरोसे को किसी हाल में टूटने नहीं दूंगा.

मीडिया में इस आशय की भी खबरें आ रही है कि अरविंद केजरीवाल के पीए की एक अंगरेजी दैनिक की पत्रकार के साथ फोन पर हुई बातचीत रिकार्ड की गयी थी. इस बातचीत में केजरीवाल के पीए ने पत्रकार से किसी खबर के सूत्र के संदर्भ में पूछा, जिसमें उस पत्रकार ने योगेंद्र यादव का नाम ले लिया. बताया जा रहा है कि इस रिकार्डिग को पार्टी बैठक में यादव के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रमाण के रूप में पेश किया जायेगा.

पांडे ने अपनी चिट्ठी में योगेंद्र यादव के पीए विजय रमण और आप के अहम सदस्य सत्या के बीच हुई बातचीत के हवाले से यह आरोप लगाया हैं. चिट्ठी में लिखा गया है कि जब सत्या , विजय रमण से मिलने गए तब उन्हें बताया कि केजरीवाल में संयोजक बने रहने की राजनीति क्षमता नहीं है. लोकसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद कई घटनाओं से पता चलता है कि प्रशांत भूषण, शांति भूषण और योगेंद्र यादव ने केजरीवाल के खिलाफ साजिश रची.

शांति भूषण ने आशीष खेतान से कहा कि केजरीवाल को संयोजक पद से हटाने का बढ़िया तरीका ये है कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार बन जाए. दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनेगी तो केजरीवाल नेता विपक्ष बनेंगे और फिर हमलोग एक व्यक्ति एक पद की मांग तेज कर देंगे. योगेंद्र, प्रशांत और शांति भूषण ने पार्टी विरोधी मंच आवाम को खड़ा करने में मदद की. दिलीप पांडे ने आरोप लगाया है कि जब आशीष खेतान ने इन सबको रोकना चाहा, तो प्रशांत भूषण ने कहा- इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

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